ना पहले अच्छे लगते थे, न अब! अखिलेश से मुलाकात के बाद ये क्या कह रहे आज़म खान

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समाजवादी पार्टी के दो बड़े चेहरे  अखिलेश यादव और आज़म ख़ान लंबे समय के बाद आमने-सामने आए।
ये मुलाक़ात सिर्फ़ दो नेताओं की नहीं, बल्कि सियासी रिश्तों की एक नई शुरुआत मानी जा रही है।
15 दिन की देरी के बाद अखिलेश यादव बुधवार को रामपुर पहुंचे और करीब दो घंटे तक आज़म ख़ान के घर में बातचीत चली।

दिल जुदा कब हुए थे? – आज़म का तंज और इशारा

मुलाक़ात के बाद जब आज़म ख़ान से पूछा गया कि क्या अब दूरियां खत्म हुईं, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा,
“दिल जुदा कब हुए थे? आप आग लगाने वाली बात कर रहे हैं।”उनकी यह बात जैसे यह जताने के लिए काफी थी कि मनमुटाव भले रहा हो, लेकिन रिश्तों की डोर पूरी तरह टूटी नहीं थी।

दरअसल, 23 सितंबर को जेल से रिहा होने के बाद यह पहली बार था जब अखिलेश यादव उनसे मिलने पहुंचे। लेकिन आज़म ने मुलाक़ात के लिए एक शर्त रखी थी –
“अखिलेश अकेले आएं, न कोई नेता, न परिवार का सदस्य, न सुरक्षा कर्मी।” अखिलेश ने शर्त मानी और रामपुर में आज़म के दरवाज़े पर पहुंचे।

अखिलेश बोले — “आज़म साहब पार्टी के दरख़्त हैं”

मुलाक़ात के बाद अखिलेश यादव ने कहा,- “आज़म साहब समाजवादी पार्टी के वो दरख़्त हैं, जिनकी जितनी गहरी जड़ें हैं, उतना बड़ा साया हमें मिला है।” उन्होंने आज़म के खिलाफ दर्ज मामलों को लेकर बीजेपी पर हमला बोला – “शायद बीजेपी गिनीज रिकॉर्ड बनाना चाहती है कि एक ही व्यक्ति पर सबसे ज़्यादा केस दर्ज हों।”

अखिलेश ने मुलाक़ात की तस्वीर X (ट्विटर) पर साझा करते हुए लिखा – “क्या कहें उस मुलाक़ात की दास्तान, जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की।”

अखिलेश यादव ने आज़म ख़ान से मुलाकात की तस्वीरें की साझा

रामपुर की सियासत पर क्या असर पड़ेगा?

रामपुर की राजनीति में आज़म ख़ान का दबदबा हमेशा से रहा है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में उनके प्रभाव में कमी आई है।
वहीं, मौजूदा सांसद मोहिबुल्ला नदवी के साथ उनके रिश्ते हमेशा से तल्ख रहे हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या नदवी मिलने आए थे, तो आज़म का जवाब था – “अब जानता हूं, जब से वो सांसद हुए हैं। पहले नहीं जानता था। पसंद न पहले थे, न अब हैं।”
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले यह मुलाक़ात सपा के भीतर की दूरी मिटाने की एक कोशिश है।
आज़म ख़ान जैसे वरिष्ठ और बेबाक नेता के साथ तालमेल अखिलेश यादव के लिए चुनौती भी है और मजबूती भी।

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