आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर इतिहास रच दिया। 43 वर्षीय आतिशी ने राजधानी की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त किया, उनसे पहले सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित यह पद संभाल चुकी हैं। आतिशी का नाम दिल्ली में शिक्षा सुधारों के लिए पहले से ही प्रसिद्ध है, जब उन्होंने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में सरकारी स्कूलों के स्तर को ऊंचा उठाने में अहम भूमिका निभाई थी।
अन्य नेताओं ने भी ली कैबिनेट में मंत्री पद की सपथ
इस मौके पर सौरभ भारद्वाज, गोपाल राय, कैलाश गहलोत, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत समेत कई अन्य आप नेताओं ने भी आतिशी के नेतृत्व में नई दिल्ली कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली। उनका यह कदम न केवल दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जोड़ता है, बल्कि महिला नेतृत्व की एक सशक्त मिसाल भी पेश करता है।
आतिशी ने ज़ाहिर की अपनी भावनाएं
दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी ने नेतृत्व परिवर्तन पर अपनी मिश्रित भावनाएं जाहिर कीं। एक ओर उन्होंने निवर्तमान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उन पर जताए गए विश्वास पर आभार व्यक्त किया, वहीं दूसरी ओर केजरीवाल के इस्तीफे को लेकर अपना दुख भी प्रकट किया। मीडिया से बातचीत में आतिशी ने कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनावों में पूरी ताकत से काम करेंगी, ताकि अरविंद केजरीवाल एक बार फिर मुख्यमंत्री पद पर लौट सकें।
आतिशी ने भावुक होकर कहा, “सबसे पहले, मैं दिल्ली के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और मेरे मार्गदर्शक अरविंद केजरीवाल का तहे दिल से धन्यवाद करती हूं। उन्होंने मुझ पर विश्वास जताकर इतनी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी। यह सिर्फ आम आदमी पार्टी में और केजरीवाल के नेतृत्व में ही संभव हो सकता है कि कोई आम पृष्ठभूमि का व्यक्ति सीधे मुख्यमंत्री बने। मैं साधारण परिवार से हूं, अगर किसी और पार्टी में होती, तो शायद चुनाव लड़ने का मौका भी नहीं मिलता।”
आतिशी के इन शब्दों ने एक ओर जहां पार्टी के भीतर नेतृत्व के बदलाव की गंभीरता को उजागर किया, वहीं दूसरी ओर केजरीवाल के प्रति उनके गहरे सम्मान और भविष्य की राजनीति में उनके योगदान की प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट किया।