पवित्र नगरी अयोध्या एक बार फिर आस्था की ‘रोशनी’ में नहाने जा रही है। उत्तर प्रदेश के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को लखनऊ में दीपोत्सव 2025 की तैयारियों की समीक्षा बैठक की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि यह आयोजन अब तक का सबसे भव्य और यादगार दीपोत्सव होना चाहिए। उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यक्रम से पहले 18 अक्टूबर को मॉक ड्रिल की जाएगी, ताकि सुरक्षा और अन्य व्यवस्थाओं की जांच हो सके।
26 लाख दीये, 2100 भक्तों की महाआरती और 1100 ड्रोन शो
अधिकारियों ने बताया कि तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इस बार सरयू नदी के 56 घाटों पर 26 लाख से अधिक दीये जलाए जाएंगे, जबकि 2100 भक्त महाआरती में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा 1100 ड्रोन का शानदार एरियल शो आयोजित किया जाएगा जो कई विश्व रिकॉर्ड बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम होगा। लगभग 33,000 वालंटियर्स दीये जलाने में भाग लेंगे, जो हर दीये के साथ भक्ति, एकता और उम्मीद का प्रतीक बनेंगे।
अयोध्या बनेगी ‘ग्लोबल कल्चरल कैपिटल’
जयवीर सिंह ने कहा कि इस बार का दीपोत्सव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पहचान को नई ऊंचाई देगा। केंद्र सरकार के पर्यटन, संस्कृति और विदेश मंत्रालय के प्रतिनिधि, देश के सभी राज्यों के अधिकारी और कई विदेशी मेहमान इसमें शामिल होंगे। अयोध्या अब वैश्विक आस्था और संस्कृति की राजधानी के रूप में उभर रही है। उन्होंने कहा, “दीपोत्सव अब सिर्फ भक्ति का नहीं, बल्कि संस्कृति, तकनीक और गर्व का संगम बन चुका है।”
इको-फ्रेंडली और तकनीक से सजा आयोजन
पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस बार दीपोत्सव पूरी तरह इको-फ्रेंडली होगा। भगवान राम और हनुमान जी की झांकियों वाले सेल्फी पॉइंट्स बनाए जाएंगे। कार्यक्रम में 3D होलोग्राफिक लेजर शो, मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन मैपिंग, ड्रोन डांस शो, ग्रीन आतिशबाजी, हाइड्रोलिक स्क्रीन शो और वॉटर टेबल पर लाइट शो जैसी आधुनिक झलकियां देखने को मिलेंगी। साथ ही 100 से अधिक कलाकार लाइव परफॉर्मेंस देंगे, जिससे यह आयोजन तकनीक और परंपरा का अद्भुत संगम बनेगा।
वुमेन लीडरशिप पर रहेगा फोकस
मुख्य सचिव (पर्यटन, संस्कृति और धार्मिक कार्य) अमृत अभिजात ने बताया कि रामपथ जाने वाले सभी रास्तों को रोशनी और फूलों से सजाया जाएगा। इसके साथ ही महिला नेतृत्व वाली झांकियों और सरकारी योजनाओं से जुड़े थीम आधारित प्रदर्शन भी शामिल होंगे। इस मौके पर पर्यटन महानिदेशक राजेश कुमार, विशेष सचिव ईशा प्रिया और ईको टूरिज्म निदेशक प्रखर मिश्रा समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अयोध्या में दीपोत्सव 2025 न सिर्फ आस्था का, बल्कि संस्कृति, तकनीक, पर्यावरण और नारी शक्ति के संगम का साक्षी बनेगा। इस बार की रौशनी केवल सरयू किनारे नहीं, बल्कि भारत की पहचान को भी विश्वभर में उजागर करेगी।
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