हजारीबाग में महाशिवरात्रि पर बवाल, दो समुदायों के बीच झड़प और आगजनी

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झारखंड के हजारीबाग जिले के इचाक प्रखंड स्थित डुमरौन गांव में महाशिवरात्रि के मौके पर झंडा और लाउडस्पीकर लगाने को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हो गया, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गया। यह घटना बुधवार सुबह की है, जब गांव में महाशिवरात्रि का जुलूस निकालने की तैयारी चल रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार, जैसे ही झंडा और लाउडस्पीकर लगाए जाने लगे, कुछ लोगों ने आपत्ति जताई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया।

पहले यह सिर्फ बहस तक सीमित था, लेकिन जल्द ही मामला बढ़ गया और दोनों पक्षों के लोग आमने-सामने आ गए। इसके बाद पथराव शुरू हो गया, जिससे इलाके में अफरातफरी मच गई। देखते ही देखते हालात और बिगड़ गए और आगजनी की घटनाएं होने लगीं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस झड़प में तीन मोटरसाइकिलों और एक बलेनो कार को आग के हवाले कर दिया गया, जबकि एक अन्य बाइक और एक ऑटोरिक्शा में तोड़फोड़ की गई। यही नहीं, हिंसा के दौरान एक दुकान में भी आग लगा दी गई, जिससे व्यापारियों में दहशत फैल गई।

इस हिंसा में कई लोगों के घायल होने की खबर है, जिन्हें तुरंत हजारीबाग सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालांकि, फिलहाल घायलों की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं हो सकी है।

पुलिस प्रशासन अलर्ट, बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस प्रशासन तुरंत हरकत में आया और मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया। हजारीबाग की उपायुक्त नैंसी सहाय और पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह खुद स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उपायुक्त ने बताया कि क्षेत्र में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारी लगातार घटनास्थल पर मौजूद हैं।

फिलहाल इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं और पुलिस फ्लैग मार्च कर रही है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। प्रशासन का कहना है कि स्थिति अब नियंत्रण में है और माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और स्थानीय लोगों की चिंता

इस घटना को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आई हैं। कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय करार देते हुए समाज में बढ़ती असहिष्णुता पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्व लगातार सक्रिय हो रहे हैं और धार्मिक आयोजनों को लेकर विवाद खड़ा कर रहे हैं, जो समाज में वैमनस्यता को बढ़ावा देता है।

वहीं, स्थानीय लोगों में भी इस घटना को लेकर काफी आक्रोश और भय का माहौल है। कई लोगों का कहना है कि पहले ऐसा कोई विवाद नहीं होता था, लेकिन हाल के वर्षों में इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे आपसी भाईचारे पर असर पड़ रहा है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

स्थिति फिलहाल नियंत्रण में

हालांकि, पुलिस प्रशासन ने अब स्थिति को काबू में कर लिया है और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और दोषियों की पहचान कर उन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया कि धार्मिक आयोजनों के दौरान आपसी समझ और सौहार्द बनाए रखना कितना जरूरी है। फिलहाल, हजारीबाग का डुमरौन गांव तनाव के बादलों से घिरा हुआ है, लेकिन प्रशासन की कोशिश है कि जल्द से जल्द माहौल को सामान्य किया जाए।

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