दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 26 वर्षों बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करते हुए Rekha Gupta को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी है। वे दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गई हैं। साथ ही, नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले प्रवेश वर्मा को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया है। विधानसभा अध्यक्ष का पद विजेंद्र गुप्ता को सौंपा गया है।
Rekha Gupta बुधवार, 20 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे रामलीला मैदान में शपथ लेंगी। उनके साथ नए मंत्रिमंडल के सदस्य भी शपथ ग्रहण करेंगे। भाजपा के इस बड़े फैसले के राजनीतिक और सामाजिक निहितार्थ गहरे हैं, जिनका असर दिल्ली की राजनीति में लंबे समय तक देखने को मिलेगा।
Rekha Gupta की नियुक्ति में क्यों हुई देरी
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे 8 फरवरी को आए थे, जिसमें भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया। यह पिछले 26 वर्षों में पार्टी की सबसे बड़ी जीत थी। हालांकि, मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा में 11 दिनों की देरी हुई। इस दौरान पार्टी के भीतर कई नामों पर मंथन चलता रहा।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे प्रवेश वर्मा का नाम था, जिन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नई दिल्ली सीट से 8,205 वोटों से हराया था। लेकिन, भाजपा आलाकमान और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अंततः Rekha Gupta को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया।
यह निर्णय कई राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर लिया गया। भाजपा दिल्ली में महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना चाहती थी, साथ ही व्यापारी समुदाय और मध्यम वर्ग के मतदाताओं को भी साधना चाहती थी। रेखा गुप्ता का नाम इस दृष्टि से सबसे उपयुक्त माना गया। वहीं, प्रवेश वर्मा को उप-मुख्यमंत्री बनाकर जाट समुदाय को संतुलित करने की रणनीति अपनाई गई।
रेखा गुप्ता: छात्रजीवन से हैं नेता
रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प और संघर्षपूर्ण रहा है। हरियाणा के जींद जिले में जन्मीं रेखा गुप्ता ने दिल्ली में अपनी पढ़ाई पूरी की और छात्र राजनीति में कदम रखा। वे दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) की सचिव और अध्यक्ष रह चुकी हैं। इसके बाद उन्होंने नगर निगम की राजनीति में कदम रखा और 2007 तथा 2012 में उत्तरी पीतमपुरा से पार्षद चुनी गईं।
विधानसभा चुनावों की बात करें तो उन्होंने 2015 और 2020 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2025 में उन्होंने शालीमार बाग विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों के बड़े अंतर से हराया। इस चुनाव में रेखा गुप्ता को 68,200 वोट मिले, जबकि वंदना कुमारी को 38,605 वोट और कांग्रेस के प्रवीण जैन को मात्र 4,892 वोट मिले।
रेखा गुप्ता भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रही हैं और पार्टी संगठन में लंबे समय तक काम किया है। उनकी छवि एक मजबूत महिला नेता के रूप में उभरकर सामने आई है, जो जमीनी स्तर पर पार्टी के लिए काम कर चुकी हैं।
प्रवेश वर्मा: पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे को उप-मुख्यमंत्री पद
प्रवेश वर्मा का राजनीतिक कद दिल्ली और हरियाणा की राजनीति में बड़ा है। वे पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं और जाट समुदाय से आते हैं। इस बार उन्होंने नई दिल्ली सीट से अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ी जीत दर्ज की।
भाजपा के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि प्रवेश वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन उन्हें उप-मुख्यमंत्री पद देकर भाजपा ने संतुलन बनाने की कोशिश की है। इससे न केवल जाट समुदाय बल्कि ग्रामीण और बाहरी दिल्ली के मतदाताओं को भी संदेश दिया गया है कि पार्टी उनके हितों को ध्यान में रख रही है।
रेखा गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा दिल्ली में नई योजनाओं पर काम करेगी। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा ने कई वादे किए थे, जिनमें महिलाओं के लिए 2500 रुपये मासिक आर्थिक सहायता, घरेलू कामगारों के लिए कल्याण बोर्ड की स्थापना, मुफ्त बस सेवा और बिजली बिल में राहत शामिल हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि नई सरकार इन वादों को कैसे पूरा करती है।
वहीं, विपक्ष में बैठी आम आदमी पार्टी पहले ही भाजपा पर हमला बोल चुकी है। पार्टी का कहना है कि भाजपा को सरकार बनाने में 11 दिन क्यों लगे और क्या यह पार्टी के अंदर गुटबाजी का संकेत है?
क्या है भाजपा की नई रणनीति?
1. महिला नेतृत्व को बढ़ावा – भाजपा महिला सशक्तिकरण के संदेश को मजबूत करना चाहती है। रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने महिला मतदाताओं को साधने की कोशिश की है।
2. व्यापारी समुदाय का समर्थन – रेखा गुप्ता वैश्य समुदाय से आती हैं, जो दिल्ली में भाजपा का परंपरागत वोट बैंक रहा है। इस वर्ग के समर्थन को और मजबूत करने के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बनाया गया।
3. जातीय संतुलन – प्रवेश वर्मा को उप-मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने जाट समुदाय को साधने की कोशिश की है, जो हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भाजपा के लिए फायदेमंद हो सकता है।
4. नई पीढ़ी को मौका – भाजपा ने इस बार युवा और नए चेहरों को महत्व दिया है। यह एक संकेत है कि पार्टी भविष्य के लिए नए नेतृत्व को तैयार कर रही है।
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