दिल्ली सरकार ने इस वर्ष दीपावली पर ग्रीन पटाखों (Green Crackers) के इस्तेमाल की अनुमति को लेकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दीपावली केवल रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि लोगों की भावनाओं से जुड़ा एक महत्वपूर्ण पर्व है। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य प्रदूषण बढ़ाना नहीं, बल्कि लोगों की धार्मिक परंपराओं और पर्यावरण दोनों के बीच संतुलन बनाना है।
दिल्ली में पिछले कुछ वर्षों से पटाखों पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है क्योंकि सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है। लेकिन कई लोग यह तर्क देते हैं कि ग्रीन पटाखे, जो कम धुआं और शोर करते हैं, उन्हें सीमित मात्रा में इस्तेमाल की अनुमति दी जानी चाहिए। इन पटाखों से प्रदूषण 30% तक कम होता है।
वहीं, पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली की हवा पहले से ही जहरीली है और किसी भी तरह के पटाखे – चाहे ग्रीन ही क्यों न हों – से प्रदूषण बढ़ेगा। इसलिए दीपावली को पारंपरिक तरीके से मनाने के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए।
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