दिल्ली हाईकोर्ट ने ईस्टर्न बुक कम्पनी (EBC) के ‘पॉकेट साइज संविधान’ की नकल करने के आरोप में रूपा पब्लिकेशन्स को इसका प्रकाशन और बिक्री करने से रोक लगा दी है। कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि रूपा पब्लिकेशन्स ने EBC के लाल-काले कवर वाले, गोल्ड लीफिंग और खास फॉन्ट वाले ‘पॉकेट साइज संविधान’ की नकल की है।
EBC का दावा और मामला
लखनऊ की ईस्टर्न बुक कम्पनी (EBC) ने पहली बार भारतीय संविधान का ‘पॉकेट साइज संस्करण’ 2009 में प्रकाशित किया था। यह संस्करण वकीलों, नेताओं और आम जनता में बेहद लोकप्रिय रहा। लोकसभा चुनाव के दौरान इसे कई बार कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हाथों में देखा गया, जिससे इसकी मांग और बढ़ गई।
EBC ने आरोप लगाया कि रूपा पब्लिकेशन्स ने भी इसी तरह का ‘पॉकेट साइज संविधान’ छापना और बेचना शुरू कर दिया। EBC के अनुसार, रूपा के इस कदम ने उनके कारोबार को नुकसान पहुँचाया। सितंबर 2025 में EBC ने 18,000 प्रतियों का ऑर्डर खो दिया, क्योंकि खरीदार रूपा के संस्करण को देखकर भ्रमित हो गया और उसे सस्ता और समान समझ लिया।
कोर्ट ने क्या कहा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान EBC के पक्ष को मान्यता देते हुए कहा कि रूपा पब्लिकेशन्स ने स्पष्ट रूप से EBC के संस्करण की नकल की है। कोर्ट ने रूपा पब्लिकेशन्स को आदेश दिया कि वे EBC के ‘पॉकेट साइज संविधान’ की तरह किसी भी संस्करण को न छापें और न बेचें।
इस फैसले से अब EBC अपने प्रख्यात ‘पॉकेट साइज संविधान’ को सुरक्षा प्रदान करने में सफल हो गया है और बाजार में इसकी अनधिकृत प्रतियों पर अंकुश लग गया है।
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