झारखंड के देवघर जिले में साइबर अपराधियों का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है, जो सरकारी योजनाओं के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहा था। पुलिस ने कुंडा और जसीडीह थाना क्षेत्रों में छापेमारी कर 12 अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 17 मोबाइल फोन और 23 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं। यह गिरोह खासकर महिलाओं और किसानों को निशाना बनाता था, उनसे बैंक संबंधी जानकारी लेकर उनके खाते खाली कर देता था।
महिलाओं और किसानों को बनाते थे निशाना
साइबर अपराधियों ने झारखंड सरकार की “मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना” और केंद्र सरकार की “पीएम किसान सम्मान निधि” जैसी योजनाओं को ठगी का जरिया बना लिया था। ये ठग खुद को सरकारी अधिकारी बताकर फोन करते और योजनाओं का लाभ दिलाने के बहाने बैंक खाते की जानकारी हासिल कर लेते। महिलाओं को यह कहकर झांसे में लिया जाता था कि उनकी सरकारी सहायता राशि रुकी हुई है और तुरंत जानकारी देने से पैसा खाते में आ जाएगा। इसी तरह, किसानों को सब्सिडी और अनुदान का लालच देकर उनसे गोपनीय जानकारी ले ली जाती थी, जिससे वे अपनी मेहनत की कमाई गवां बैठते थे।
गुप्त सूचना पर पुलिस की छापेमारी
देवघर के एसपी अजीत पीटर डुंगडुंग को सूचना मिली थी कि साइबर अपराधी कुंडा और जसीडीह थाना क्षेत्रों में सक्रिय हैं। इस पर पुलिस ने छापेमारी कर मधुपुर, कुंडा, मोहनपुर, पथरौल, करौं और सारठ थाना क्षेत्रों से जुड़े 12 अपराधियों को गिरफ्तार किया। जब्त किए गए 17 मोबाइल की जांच में पाया गया कि इनमें से 11 नंबरों के खिलाफ “प्रतिबिंब” ऐप पर पहले से ऑनलाइन शिकायतें दर्ज हैं। गिरफ्तार आरोपी श्याम सुंदर दास के खिलाफ पहले से साइबर थाना में मामला दर्ज था।
पूछताछ के बाद सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। देवघर और आसपास के जिलों में साइबर अपराध तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे यह क्षेत्र ठगों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है और जनता से सतर्क रहने की अपील कर रही है। किसी भी सरकारी योजना से जुड़ी जानकारी फोन पर साझा न करने और संदिग्ध कॉल आने पर तुरंत साइबर थाना या हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई है।
साइबर ठगी से बचने के उपाय
साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्कता सबसे महत्वपूर्ण है। कुछ महत्वपूर्ण उपाय अपनाकर आप ऑनलाइन ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं-
1. अज्ञात कॉलers से बैंकिंग जानकारी साझा न करें: कोई भी सरकारी अधिकारी फोन पर बैंक डिटेल्स या ओटीपी नहीं मांगता। अगर कोई ऐसा करता है, तो यह ठगी का संकेत हो सकता है।
2. सरकारी योजनाओं की जानकारी केवल आधिकारिक वेबसाइट से लें: किसी भी योजना से जुड़ी जानकारी के लिए केवल सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें।
3. संदिग्ध लिंक या मैसेज पर क्लिक न करें: साइबर ठग अक्सर नकली लिंक भेजते हैं, जो आपके बैंक खाते की जानकारी चुरा सकते हैं।
4. साइबर क्राइम हेल्पलाइन पर शिकायत करें: अगर कोई ठगी करने की कोशिश करे, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें या साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें।
5. “प्रतिबिंब” ऐप का उपयोग करें: यह ऐप साइबर ठगों के नंबरों की पहचान करने में मदद करता है और संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्टिंग की सुविधा देता है।
6. अचानक पैसे मिलने के झांसे में न आएं: अगर कोई अनजान व्यक्ति सरकारी योजना का लाभ दिलाने के नाम पर फोन करता है और तुरंत जानकारी मांगता है, तो सतर्क रहें। किसी भी प्रकार के लालच में आकर बैंकिंग डिटेल साझा न करें।
साइबर अपराधियों से बचने के लिए सतर्कता ही सबसे बड़ा हथियार है। जागरूक रहें और अपने आसपास के लोगों को भी जागरूक करें ताकि कोई भी ठगी का शिकार न हो।
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