काठमांडू/पटना। नेपाल में शुक्रवार को आए तेज़ भूकंप के झटकों से धरती हिल उठी। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.5 मापी गई। भूकंप का केंद्र नेपाल के बागमती प्रांत में बताया जा रहा है। इसके झटके बिहार की राजधानी पटना समेत कई जिलों में भी महसूस किए गए, जिससे लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
नेपाल में दहशत का माहौल
भूकंप के झटकों से नेपाल के कई इलाकों में अफरातफरी मच गई। काठमांडू, पोखरा और आसपास के क्षेत्रों में झटके इतने तेज थे कि लोग डर के मारे घरों और दफ्तरों से बाहर भागने लगे। भूकंप के कारण कई इमारतों में दरारें आ गईं, जबकि कुछ जगहों पर हल्का नुकसान होने की खबर है। हालांकि, अभी तक किसी बड़े जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है।
पटना समेत बिहार के कई जिलों में महसूस हुए झटके
नेपाल में आए इस भूकंप का असर भारत में भी देखने को मिला। बिहार के पटना, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी और पूर्वी चंपारण समेत कई जिलों में तेज़ झटके महसूस किए गए। अचानक कंपन महसूस होते ही लोग अपने घरों और दफ्तरों से बाहर निकल आए। राजधानी पटना में लोग घरों से बाहर भागते दिखे और सोशल मीडिया पर भूकंप से जुड़ी जानकारी साझा करने लगे।
वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, भूकंप का केंद्र नेपाल के बागमती प्रांत में सतह से करीब 10 किलोमीटर की गहराई में था। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इलाका पहले से ही सिस्मिक जोन-4 में आता है, जहां भूकंप का खतरा अधिक रहता है। नेपाल में अक्सर हल्के और मध्यम तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं, लेकिन इस बार का झटका तुलनात्मक रूप से अधिक तीव्र था।
200 से अधिक झटकों का खतरा
भूवैज्ञानिकों के अनुसार, इस तीव्रता के भूकंप के बाद आमतौर पर हल्के झटकों (आफ्टरशॉक्स) का सिलसिला जारी रह सकता है। विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साथ ही, नेपाल सरकार और भारतीय प्रशासनिक एजेंसियां स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
नेपाल में भूकंप का इतिहास
नेपाल भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र है। 2015 में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने नेपाल में भारी तबाही मचाई थी, जिसमें 9,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी और हजारों इमारतें जमींदोज हो गई थीं। उस विनाशकारी भूकंप के बाद से नेपाल और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हल्के झटके महसूस किए जाते रहे हैं।
नेपाल और बिहार के प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति में प्रशासन की गाइडलाइन्स का पालन करें। साथ ही, ऊंची इमारतों या कमजोर ढांचों से दूर रहने की सलाह दी गई है।
नेपाल में आए इस भूकंप ने एक बार फिर लोगों को झकझोर कर रख दिया है। हालांकि अभी तक किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है, लेकिन प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है। लोग अभी भी दहशत में हैं और आफ्टरशॉक्स का खतरा बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।