शनिवार, 17 अगस्त को पीटीआई को राज भवन के एक अधिकारी ने यह सूचना दी है। उसने बताया कि कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गेहलोत ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा साइट आवंटन घोटाले के मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
सिद्धारमैया के खिलाफ प्रदीप कुमार, टीजे अब्राहम और स्नेहमयी कृष्णा ने याचिका दाखिल की थी। इन याचिकाओं को देख राज्यपाल ने मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी।
इस मामले पर कर्नाटक के बीजेपी अध्यक्ष बी वाई विजयेन्द्र ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि “माननीय राज्यपाल ने अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए मुख्यमंत्री की मुडा घोटाले की शिकायत पर कानूनी कार्रवाई करने की अनुमति दी है।कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट घोटालों और मुख्यमंत्री के रिश्तेदारों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता के खिलाफ पर्याप्त रिकॉर्ड और सबूत रखकर यह प्रदर्शित करने वाले सिद्धारमैया को नैतिक जिम्मेदारी के साथ इस्तीफा दे देना चाहिए। मुख्यमंत्री पद की गरिमा को बरकरार रखा जाए ताकि मामले की जांच पारदर्शी हो सके।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर राज्यपाल के फैसले की तस्वीर साझा की।
कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य रणदीप सुरजेवाला ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि “मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध और व्यक्तिगत बदला लेने की कार्रवाई है – भाजपा नेतृत्व और उनके “कठपुतली राज्यपाल”!कांग्रेस की पांच गारंटियों को खत्म करने के लिए भाजपा द्वारा कर्नाटक के लोगों पर भयावह हमला!
भाजपा और मोदी सरकार द्वारा गरीबों, पिछड़ों, अनुसूचित जाति/जनजाति और हाशिए पर पड़े वर्गों के खिलाफ साजिश!”
उन्होंने एक प्रेस रिलीज भी जारी किया है।
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