कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कोलकाता में आयोजित इमामों के एक भव्य सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने राज्य में धार्मिक सौहार्द्र, सामाजिक एकता और अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया।
ममता बनर्जी ने किया संबोधित
सम्मेलन में राज्यभर से बड़ी संख्या में इमाम शामिल हुए। ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में कहा कि बंगाल की संस्कृति गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल है, और उनकी सरकार सभी धर्मों के प्रति समान भाव रखती है। उन्होंने कहा, “हम किसी भी प्रकार के धार्मिक भेदभाव को बर्दाश्त नहीं करेंगे। सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार है और सरकार सबके लिए काम कर रही है।”
मुख्यमंत्री ने इमामों की भूमिका को समाज में शांति और भाईचारे को बढ़ावा देने में अहम बताया। उन्होंने कहा कि मस्जिदों से मिल रही शिक्षाओं को यदि आम जीवन में उतारा जाए, तो समाज में बहुत से विवाद अपने आप समाप्त हो जाएंगे।
इस अवसर पर ममता बनर्जी ने राज्य सरकार द्वारा इमामों और मोअज्ज़िनों के लिए दी जा रही मासिक मानदेय की भी चर्चा की और आश्वस्त किया कि भविष्य में इसे और सशक्त बनाने के प्रयास किए जाएंगे। साथ ही, उन्होंने मदरसों के आधुनिकीकरण और मुस्लिम युवाओं के लिए स्कॉलरशिप योजनाओं का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री के इस संबोधन को मुस्लिम समुदाय के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी का यह कदम आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की दिशा में भी देखा जा सकता है।
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