उत्तर प्रदेश के संभल, अलीगढ़ और बरेली जिलों में इस बार होली और जुमे की नमाज़ एक ही दिन पड़ने के कारण प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। संवेदनशील इलाकों में स्थित मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का निर्णय लिया गया है, ताकि होली के रंगों से धार्मिक स्थलों को सुरक्षित रखा जा सके और शांति व्यवस्था बनी रहे।
संभल में 10 मस्जिदों को ढका गया
संभल में होली के चौपाई जुलूस मार्ग पर स्थित जामा मस्जिद समेत 10 मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का फैसला लिया गया है। पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लोगों और मस्जिद प्रबंधन समिति से बातचीत के बाद यह कदम उठाया है। अधिकारियों के अनुसार, यह निर्णय दोनों समुदायों की सहमति से लिया गया है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो और सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे।
संभल के एसपी चक्रेश मिश्रा ने कहा, “होली और जुमे की नमाज़ एक ही दिन होने के कारण हमने सभी संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पुलिस बल की तैनाती के साथ-साथ शांति समितियों के साथ बैठक कर जरूरी कदम उठाए गए हैं।”
अलीगढ़ में 6-7 वर्षों से चल रही परंपरा
अलीगढ़ के अब्दुल करीम चौराहे पर स्थित हलवाईयान मस्जिद को काले रंग की तिरपाल से ढका गया है। प्रशासन के अनुसार, यह प्रथा पिछले 6-7 वर्षों से चली आ रही है, जिसका मुख्य उद्देश्य मस्जिद को होली के रंगों और गंदगी से बचाना है। प्रशासनिक अधिकारियों और मस्जिद प्रबंधन समिति के बीच सहमति से यह निर्णय लिया गया, जिससे शांति व्यवस्था बनी रहे।
स्थानीय निवासी अमानुल्लाह खान ने बताया, “हर साल प्रशासन और मस्जिद कमेटी मिलकर यह कदम उठाते हैं ताकि मस्जिद को रंगों से बचाया जा सके। इससे किसी भी तरह के विवाद की संभावना खत्म हो जाती है।”
बरेली में ड्रोन से निगरानी, पुलिस बल तैनात
बरेली में रामबारात मार्ग पर पड़ने वाली मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया है। प्रशासन ने इस इलाके को संवेदनशील मानते हुए सुरक्षा के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। साथ ही, छतों पर निगरानी के लिए ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है।
बरेली के डीएम रविंद्र कुमार ने कहा, “हमने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। शांति और सौहार्द बनाए रखना हमारी प्राथमिकता है।”
सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की पहल
संभल, अलीगढ़ और बरेली में किए गए इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य होली के दौरान शांति और सौहार्द बनाए रखना है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और त्योहार को मिल-जुलकर मनाएं।
इस कदम से एक बार फिर साबित हुआ है कि आपसी समझ और प्रशासनिक सतर्कता से किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सकता है और समाज में शांति एवं भाईचारा कायम रखा जा सकता है।
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