पटना: बिहार विधानसभा में मंगलवार को वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह बजट खास तौर पर इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नीतीश सरकार का आगामी चुनाव से पहले का आखिरी बजट है। इस बजट पर राजनीतिक घमासान तेज हो गया है, और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे “जुमलों का पिटारा” बताते हुए कहा कि “यह बजट सिर्फ कागजों पर विकास दिखाने की कोशिश है, हकीकत में जनता को कुछ नहीं मिलने वाला।”
तेजस्वी यादव का बयान – “बिहार की जनता को ठगने की कोशिश”
बजट सत्र के बाद मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “नीतीश कुमार की सरकार ने अब तक सिर्फ वादे किए, लेकिन उन्हें पूरा नहीं किया। बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे के नाम पर केवल आंकड़ों की बाजीगरी की जा रही है। सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि बिहार में बहुत काम हुआ है, लेकिन हकीकत यह है कि युवा आज भी नौकरी के लिए भटक रहे हैं, किसान परेशान हैं और महंगाई चरम पर है।”
उन्होंने आगे कहा, “अगर सरकार को वास्तव में बिहार की जनता की चिंता होती, तो यह बजट जनता के हित में होता, न कि सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखकर बनाया जाता।”
सरकार का बचाव – “यह बजट बिहार के विकास को गति देगा”
वहीं, बिहार सरकार ने तेजस्वी यादव के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बजट राज्य के विकास को और तेज करेगा। वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा, “हमने शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी है। बिहार को आगे बढ़ाने के लिए यह बजट महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।”
बजट की प्रमुख घोषणाएँ
1. युवाओं के लिए योजनाएँ – रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नए उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना।
2. कृषि क्षेत्र में सुधार – किसानों को अतिरिक्त सब्सिडी और न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि।
3. इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस – नए हाईवे, रेलवे प्रोजेक्ट और शहरी विकास योजनाओं का ऐलान।
4. शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश – सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में सुविधाओं का विस्तार।
विपक्ष का सवाल – “अचानक चुनाव से पहले ही विकास की याद क्यों?”
तेजस्वी यादव ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “पिछले चार सालों में सरकार ने कुछ नहीं किया और अब जब चुनाव नजदीक है, तो अचानक बिहार के विकास की याद आ गई? जनता इस बार इनके झूठे वादों में नहीं फंसने वाली।”
राजनीतिक हलचल और आगामी चुनाव पर असर
बिहार का यह बजट आगामी विधानसभा चुनाव के लिए एक बड़ी रणनीतिक चाल माना जा रहा है। एनडीए सरकार इसे अपनी उपलब्धियों के रूप में पेश कर रही है, जबकि विपक्ष इसे सिर्फ चुनावी स्टंट करार दे रहा है। आने वाले महीनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस बजट को किस नजरिए से देखती है और चुनाव में इसका कितना असर पड़ता है।
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