सोमवार, 22 जुलाई को असम के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री पीयूष हजारिका ने नशे से पीड़ित लोगों के इलाज के लिए एक आवश्यक कदम उठाया है। उन्होंने नशा मुक्ति और पुनर्वास केंद्रों के लिए नए मानक संचालन  प्रक्रिया (एसओपी) की घोषणा की है।


गुवाहाटी में आयोजित की गई एक बैठक में हजारिका ने नशे की आदत से पीड़ित लोगों के लिए मानवीय व्यवहार के महत्त्व को बताया। उन्होंने कहा कि ” नशे से पीड़ित लोग इस समाज के महत्वपूर्ण लोग है। उनके साथ दुर्व्यवहार नही करना चाहिए।”


हजारिका ने लागू होने वाले नए एसओपी के विवरण पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार इसे 1 अगस्त से लागू करेगी। नए एसओपी को लाने का मुख्य कारण है कि पुनर्वास और नशा मुक्ति केंद्रों में देखभाल और सहायता के निर्देश उच्च्य तरीके से पालन किए जाए। इसमें आगे हजारिका ने कहा कि “हम इन केंद्रों को नए एसओपी का अनुपालन करने के लिए तीन महीने का समय दे रहे हैं। इन मानकों का पालन न करने पर गैर-अनुपालन केंद्रों को बंद कर दिया जाएगा।”

हजारिका ने कहा कि ” एक महिला ने उन्हें मैसेज किया है। उसमे उन्होंने बताया है की एक पुनर्वास केंद्र में ड्रग्स का धंधा चलाया जा रहा है। उन्होंने आश्वासन दिया है की वह उसकी जांच करेंगे और पकड़े जाने पर उस के खिलाफ सख्त कार्यवाही होगी।”


आयोजित किए गए बैठक में कई पुनर्वास के प्रतिनिधि भी शामिल थे। उनके सुझावों और फीडबैक को मद्देनजर रखकर ही नए एसओपी का निर्माण किया गया है।

पीयूष हजारिका  असम से भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिज्ञ है। वह 2011 से असम विधानसभा के सदस्य हैं। वह 2011 से 2015 तक कांग्रेस के विधायक रह चुके है।वह 2015 में भारतीय जनता पार्टी से जुड़े।

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