नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाना भारत के एयर ट्रैवल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा सकता है। लगभग ₹19,650 करोड़ की लागत से बनी यह ग्रीनफील्ड परियोजना न केवल मुंबई महानगर क्षेत्र की हवाई यातायात क्षमता को दोगुना करेगी, बल्कि देश की आर्थिक, व्यापारिक और पर्यटन गतिविधियों को भी नई गति देगी।
मुंबई का मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहले से ही क्षमता से अधिक यात्रियों को संभाल रहा है। ऐसे में नवी मुंबई एयरपोर्ट का निर्माण उस दबाव को कम करेगा और यात्रियों को बेहतर अनुभव प्रदान करेगा। इसके पहले चरण में सालाना करीब 2 करोड़ यात्रियों की सेवा करने की क्षमता होगी, जो आगे चलकर 9 करोड़ तक बढ़ाई जा सकेगी।
यह परियोजना पर्यावरण अनुकूल तकनीकों और ग्रीन बिल्डिंग मानकों पर आधारित है, जिससे यह सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। साथ ही, यह हवाई अड्डा मुंबई, ठाणे, पुणे और कोकण क्षेत्र के उद्योगों और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।
हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि इतनी बड़ी लागत पर निवेश से पहले अन्य बुनियादी जरूरतों पर ध्यान दिया जाना चाहिए, परंतु दीर्घकालिक दृष्टिकोण से यह हवाई अड्डा भारत की वैश्विक कनेक्टिविटी, निवेश आकर्षण और आर्थिक विकास के लिए एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
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