दिल्ली में शिक्षकों के एक साथ स्थानांतरण को लेकर राजनीति गर्मा गई है। भाजपा नेता अरविंदर सिंह लवली जो पहले शिक्षा मंत्री भी रह चुके हैं और मनोज तिवारी ने इस मुद्दे पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की और इस फैसले के खिलाफ शिकायत दर्ज की।

पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा नेता अरविंदर सिंह लवली ने कहा, “मैं लगभग 10 वर्षों तक दिल्ली का शिक्षा मंत्री रहा हूं और मैं समझता हूं कि बिना शिक्षा मंत्री के, नई स्थानांतरण नीति नहीं बनाई जा सकती। दिल्ली में शिक्षकों के स्थानांतरण के साथ की जा रही राजनीति निंदनीय है। हमने उपराज्यपाल से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है।”

भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए कहा, “रात 1.30 बजे दिल्ली के 5,006 शिक्षकों को एक साथ स्थानांतरित किया गया। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय है और हमने इसकी शिकायत की है। कई शिक्षकों और उनके प्रतिनिधियों ने हमसे मुलाकात की है। हम मांग करते हैं कि शिक्षकों के स्थानांतरण को रोका जाए। साथ ही, शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए एक नीति होनी चाहिए, लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार के पास ऐसी कोई नीति नहीं है।”

पीटीआई ने ट्वीट कर दी जानकारी

भाजपा नेताओं का कहना है कि इस प्रकार के स्थानांतरण से शिक्षकों में असंतोष बढ़ेगा और शिक्षा प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने उपराज्यपाल से इस मुद्दे पर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।

इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया का इंतजार है, लेकिन इस घटनाक्रम ने दिल्ली की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है।


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By Sumedha