नीमच, मध्य प्रदेश: सोचिए, सड़क पर कोई आदमी लोट-लोट कर आगे बढ़ रहा है, और गले में दस्तावेजों की माला पहने हुए! जी हां, ये कोई नई फ़िल्म का सीन नहीं, बल्कि नीमच जिले में मंगलवार को घटा एक असली वाक्या है, जहां मुकेश प्रजापत नामक व्यक्ति ने अपने अनोखे अंदाज में विरोध जताया।
मुकेश प्रजापत ने सड़क पर लोटते हुए और गले में शिकायत के दस्तावेजों की लंबी माला डालकर सीधे जिला कलेक्टर कार्यालय की ओर रुख किया। मुकेशजी का कहना है कि उनके गांव के सरपंच ने भ्रष्टाचार की सारी हदें पार कर दी हैं, और अब उनका गुस्सा इतना बढ़ गया कि वे सीधे लोट-लोट कर इंसाफ की मांग करने निकल पड़े।
इस दृश्य को देखकर जो लोग रास्ते में खड़े थे, वे हसें बिना रह ना सके। एक तरफ मुकेशजी का अडिग हौसला और दूसरी तरफ उनकी अनोखी शैली—दोनों ने ही राहगीरों का दिल जीत लिया। उनके इस लोटते हुए विरोध ने उन्हें सोशल मीडिया का भी स्टार बना दिया। कुछ ही देर में मुकेशजी का ये “रोलिंग प्रोटेस्ट” वायरल हो गया, और देखते ही देखते राज्य कांग्रेस ने भी इसे अपने आधिकारिक X हैंडल पर शेयर कर दिया, जैसे उन्हें कोई नया चुनावी मुद्दा मिल गया हो।
जुलाई में मध्य प्रदेश में ऐसा ही एक और मामला सामने आया था, जब एक और शख्स ने इसी तरह लोट-लोट कर अपने विरोध की कहानी बयां की थी। ऐसा लगता है कि प्रदेश में विरोध प्रदर्शन के इस नए ट्रेंड का जन्म हो चुका है।
जिला कलेक्टर हिमांशु चंद्रा ने भी मुकेशजी की लोट-लोट कर की गई शिकायत को गंभीरता से लेते हुए तुरंत नए सिरे से जांच के आदेश दे दिए हैं। शायद कलेक्टर साहब भी समझ गए हैं कि जब मामला इतना “लोटपोट” हो जाए, तो उसे नजरअंदाज करना मुश्किल है!
तो अब देखना ये होगा कि मुकेशजी के इस “लोटपोट विरोध” से क्या सच में सरपंच के भ्रष्टाचार पर कोई अंकुश लगता है या फिर ये सिर्फ इंटरनेट पर हंसी का पात्र बनकर रह जाता है। वैसे, मुकेशजी का ये अंदाज हमें सिखा गया कि कभी-कभी जिंदगी में लोटना भी जरूरी है, वो भी इंसाफ के लिए! कहते हैं, “जुगाड़ की धरती” पर ऐसे अनोखे विरोध ही लोकतंत्र की ताकत बनते हैं।
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