अमेरिका में एक बार फिर शटडाउन शुरू हो गया है। इसका सबसे बड़ा असर सरकारी कर्मचारियों और ठेकेदारों पर पड़ता है। सरकारी दफ्तरों में कामकाज या तो पूरी तरह ठप हो गया है या बहुत सीमित है। लाखों कर्मचारियों को छुट्टियों पर भेजा गया है या बिना वेतन के काम करने को मजबूर किया गया है। इस बार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कर्मचारियों को लेऑफ की भी चेतावनी दी है।
पिछले शटडाउन के अनुभवों के अनुसार, लगभग 8 लाख संघीय कर्मचारियों को या तो छुट्टी पर भेजा गया था या उन्हें बिना वेतन काम करना पड़ा। एयरलाइंस सेवाओं में देरी हुई और प्रमुख हवाई अड्डों पर उड़ानें प्रभावित हुईं।
अर्थव्यवस्था और सार्वजनिक सेवाओं पर प्रभाव
2018-19 के शटडाउन में देश की अर्थव्यवस्था को लगभग 6 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। उत्पादकता में गिरावट और व्यापार क्षेत्र में अनिश्चितता के कारण GDP वृद्धि दर में 0.4% की कमी आई थी। इस बार भी शटडाउन के चलते निवेश, व्यापार और सरकारी सेवाओं पर दबाव बढ़ सकता है।
नेशनल पार्कों में कचरा जमा होने जैसी समस्याएँ भी सामने आई थीं। कर्मचारियों की अनुपस्थिति के कारण पार्क प्रबंधन प्रभावित हुआ और पर्यटकों की सुविधाएँ बाधित हुईं। इस बार यह साफ नहीं है कि 433 से अधिक राष्ट्रीय उद्यान खुले रहेंगे या बंद होंगे।
हवाई यात्रा भी ठप्प!
शटडाउन के दौरान एयर ट्रैफिक कंट्रोल और TSA कर्मचारियों की कमी के कारण हवाई उड़ानों में देरी और बाधाएँ आई थीं। इस बार भी इसी तरह की स्थिति बन सकती है, जिससे यात्रियों और एयरलाइंस दोनों पर असर पड़ेगा।
विशेषज्ञों का कहना है कि शटडाउन का असर सिर्फ सरकारी कर्मचारियों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे अमेरिकी समाज और अर्थव्यवस्था पर लंबी अवधि तक पड़ सकता है।
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