Budget 2024: 22 जुलाई से संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाले है। Budget 2024 शुरू होने से पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक की गयी। जिसमें विपक्षी दलों ने बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के लिए विशेष दर्जा, एनईईटी-यूजी (NEET-UG) 2024  का मुद्दा और विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष के पद जैसे मुद्दों पर काफ़ी देर तक बात हुई।

बैठक में विपक्षी दलों का कहना:

विपक्षी सदस्यों ने सरकार से कहा कि उन्हें संसद में अपने मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए। टीडीपी के. देवरायलू ने आंध्र प्रदेश में वित्तीय गड़बड़ी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वह एक या दो दिन में राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करेगी, इससे देख कर लोगों को झटका लगेगा। उनहोंने सर्वदलीय बैठक में अनुरोध किया कि आंध्र के सभी मुद्दों को उठाने के लिए संसद में पर्याप्त समय दिया जाए। विजयसाई रेड्डी ने कहा जनसंख्या नियंत्रण का पालन करने वाले राज्यों को राजस्व हिस्सेदारी में दंडित किया जा रहा है, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए। रेड्डी ने आगे कहा की आंध्र प्रदेश में अराजकता फैली हुई है, और इस से निकालने के लिए राष्ट्रपति शासन ही एकमात्र समाधान है।

कांग्रेस नेता जयराम रामेश ने सांसदों के एक-दूसरे से मिलने-जुलने के लिए सेंट्रल हॉल को फिर से खोलने की मांग रखी। उन्होंने यह भी कहा की नए संसद भवन के उद्घाटन के बाद दुखद रूप से ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल अनुपयोगी हो गया है। सर्वदलीय बैठक में सलाहकार समितियों को पुनर्जीवित करने की भी मांग की जिसे सभी पार्टियों ने माना।

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केंद्रीय मंत्री रिजिजू का कहना:

दिल्ली में सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि “संसद को चलाना सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों गुटों की जिम्मेदारी है। आज 55 नेताओं के साथ बैठक हुई। हमने विस्तार से चर्चा की और सभी राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा दिए गए सुझावों को सुना। हमने उन्हें नोट किया और बजट सत्र शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित करने का अनुरोध किया।”

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