गोपालगंज (बिहार)। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री एक बार फिर अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं। गोपालगंज में आयोजित हनुमंत कथा के दौरान उन्होंने हिंदू राष्ट्र की मांग को दोहराया और कहा, “तुम हमारा साथ दो, हम तुम्हें हिंदू राष्ट्र देंगे।” उन्होंने इस लक्ष्य को पाने के लिए संविधान में संशोधन की भी बात कही।
हिंदू एकता पर दिया जोर
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में हिंदुओं की एकजुटता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर हिंदू अकेले रहेंगे तो वे कमजोर हो जाएंगे, लेकिन अगर वे एकजुट होंगे, तो कोई उन्हें हरा नहीं सकता। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “यदि कुत्ते पर पत्थर फेंका जाए तो वह भाग जाएगा, लेकिन वही पत्थर मधुमक्खी के छत्ते पर फेंका जाए तो इंसान को भागना पड़ेगा। इसका मतलब यह है कि कुत्ता अकेला था, जबकि मधुमक्खियां एक साथ थीं।”
उनके इस बयान को हिंदू समुदाय को संगठित करने की अपील के रूप में देखा जा रहा है। शास्त्री ने आगे कहा कि हिंदू राष्ट्र की मांग सबसे पहले बिहार से उठेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे किसी राजनीतिक दल के प्रचारक नहीं हैं, बल्कि हिंदू धर्म के विचारक हैं और धर्म के प्रति जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में हलचल
धीरेंद्र शास्त्री के इस बयान के बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है। आरजेडी (राष्ट्रीय जनता दल) ने उन पर वोटबैंक की राजनीति करने का आरोप लगाया। आरजेडी नेताओं का कहना है कि इस तरह के बयानों से समाज में विभाजन पैदा करने की कोशिश हो रही है। आरजेडी प्रवक्ता ने कहा, “बिहार हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का प्रतीक रहा है। कुछ लोग इसे बांटने की साजिश कर रहे हैं, जिसे हम सफल नहीं होने देंगे।”
वहीं, बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) ने शास्त्री के बयान का समर्थन किया और आरजेडी पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “हिंदू राष्ट्र की मांग कोई नई बात नहीं है। यह करोड़ों हिंदुओं की भावना है, जिसे व्यक्त करने का साहस धीरेंद्र शास्त्री जैसे संत कर रहे हैं।”
पहले भी उठा चुके हैं हिंदू राष्ट्र का मुद्दा
यह पहली बार नहीं है जब धीरेंद्र शास्त्री ने हिंदू राष्ट्र की मांग उठाई है। इससे पहले भी कई बार वे इस विषय पर अपने विचार व्यक्त कर चुके हैं। उनके बयानों को लेकर कई बार विवाद भी हुआ है, लेकिन उन्होंने अपने विचारों से कभी समझौता नहीं किया।
उनके इस बयान के बाद बिहार में राजनीतिक बहस तेज हो गई है। विभिन्न दल इस मुद्दे पर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। जहां कुछ लोग इसे धार्मिक जागरूकता बता रहे हैं, वहीं कुछ इसे समाज को बांटने की कोशिश मान रहे हैं।
क्या कहता है संविधान?
भारत का संविधान धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें सभी धर्मों को समान रूप से सम्मान दिया गया है। हालांकि, हिंदू राष्ट्र की मांग करने वाले लोग यह तर्क देते हैं कि देश में हिंदू आबादी बहुसंख्यक है और इसे एक हिंदू राष्ट्र घोषित किया जाना चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री के बयान के बाद अब देखना यह होगा कि इस पर आगे क्या राजनीतिक और कानूनी प्रतिक्रिया आती है। लेकिन इतना तय है कि यह मुद्दा अभी और गरमाने वाला है।
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