बिहार के नवादा जिले के कृष्णानगर क्षेत्र में एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां 20 से 25 घरों को अज्ञात असामाजिक तत्वों द्वारा आग के हवाले कर दिया गया। यह घटना मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंतर्गत 18 सितंबर 2024 को हुई, जिसमें फिलहाल किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। पुलिस के प्रारंभिक जांच में इस आगजनी का कारण जमीन विवाद बताया जा रहा है।
पुलिस की जांच जारी
सदर नवादा के एसडीपीओ सुनील कुमार ने घटना के बारे में जानकारी देते हुए बताया, “हमें सूचना मिली थी कि कृष्णानगर इलाके में कई घरों को जलाया गया है। जब हम मौके पर पहुंचे, तो पाया कि लगभग 20-25 घरों को आग लगा दी गई थी। सौभाग्य से अब तक किसी की जान नहीं गई है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह घटना जमीन विवाद के चलते हुई हो सकती है। कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है और जांच जारी है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
राजनीतिक नेताओं की कड़ी प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की प्रमुख मायावती ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार से पीड़ितों की मदद करने की अपील की। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “नवादा में गरीब दलितों के कई घरों को जलाकर उनकी जिंदगियां बर्बाद कर दी गईं। यह घटना बेहद दुखद और गंभीर है। सरकार को दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए और पीड़ितों के पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करनी चाहिए।”
तेजस्वी यादव का एनडीए पर हमला
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने एनडीए सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में ‘जंगलराज’ है। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “नवादा में 100 से अधिक दलित परिवारों के घरों को जलाया गया है। नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार के शासन में बिहार में हर जगह आग लगी हुई है। मुख्यमंत्री बेफिक्र हैं, एनडीए के साथी कुछ नहीं जानते! गरीबों को जलाया जा रहा है, वे मरे तो उन्हें क्या फर्क पड़ता है? दलितों पर अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
मल्लिकार्जुन खड़गे ने ‘डबल इंजन सरकार’ को घेरने में नही रहें पीछे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे डबल इंजन सरकार के ‘जंगलराज’ का प्रमाण बताया। खड़गे ने लिखा, “यह बेहद निंदनीय है कि लगभग 100 दलित घरों को आग के हवाले कर दिया गया। रात के अंधेरे में गरीब परिवारों से सब कुछ छीन लिया गया। बीजेपी और उसके सहयोगियों की दलितों और वंचितों के प्रति उपेक्षा और असामाजिक तत्वों को बढ़ावा देना अब चरम पर है। प्रधानमंत्री मोदी चुप हैं, नीतीश सत्ता की लालसा में लापरवाह हैं, और एनडीए के सहयोगी भी खामोश हैं।”
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों की पहचान और उन्हें सजा दिलाने की प्रक्रिया जारी है। इस घटना ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है और दलित समुदाय की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि पीड़ित परिवारों को पुनर्वास के लिए आर्थिक सहायता दी जाए ताकि वे इस भयावह घटना से उबर सकें।
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