झारखंड के हजारीबाग में खाद्य सुरक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 4000 किलोग्राम नकली पनीर बरामद किया है। इसकी अनुमानित कीमत 10 लाख रुपये से अधिक बताई जा रही है। यह नकली पनीर बिहार के मुंगेर और बख्तियारपुर से झारखंड के हजारीबाग और रांची पहुंचाया जा रहा था, जहां इसे बेचकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जा रहा था।
खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इस नकली पनीर सप्लाई के बारे में गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद SGO और खाद्य सुरक्षा टीम ने देर रात तक छापेमारी की। टीम ने बिहार से आ रही एक बस को नगवा टोल प्लाजा के पास रोककर जांच की, जहां से 4000 किलोग्राम नकली पनीर बरामद हुआ। जांच में इसके नकली होने की पुष्टि हुई।
क्या होता है नकली पनीर?
नकली पनीर में **सोया प्रोटीन, स्टार्च, हानिकारक केमिकल्स और मिलावटी तेल** का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसके सेवन से **पाचन तंत्र की गड़बड़ी, फूड पॉइजनिंग और लंबे समय में गंभीर बीमारियां** हो सकती हैं।
इस बड़े पैमाने पर नकली पनीर की तस्करी का पर्दाफाश होने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह सिर्फ एक छोटा सा हिस्सा है या पूरे राज्य में ऐसी मिलावटखोरी का जाल फैला हुआ है?
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