शनिवार को दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस कोचिंग इंस्टिट्यूट के बाढ़ग्रस्त बेसमेंट में फसने से तीन छात्रों ने अपनी जान गवा दी। वे छात्र सिविल सेवक बनने की तैयारी कर रहे थे। पुलिस का कहना है कि करीब 7 बजे दिल्ली अग्निशमन विभाग को कॉल पर कोचिंग में जल भराव की सूचना मिली। सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग ने रेस्क्यू ऑपरेशन चालू किया। पुलिस ने छात्रों की मौत पर मामला दर्ज कर लिया है।
शुरुआत में रेस्क्यू ऑपरेशन में एक छात्रा का शव बरामद किया गया। कुछ घंटों बाद दो और शव बरामद किए गए। पुलिस ने बताया कि जब बाढ़ आई थी तब कोचिंग में 30 छात्र थे । करीब 14 लोग को बचाया गया और अस्पताल ले जाया गया, कई छात्र मौके से भाग निकले।
अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग ने बताया कि बाढ़ की खबर मिलते ही वे 5 अग्नि वाहन के साथ स्थान पर पहुंचे। डीसीपी सेंट्रल, एम हर्षवर्धन ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी चल रहा है और पानी को बाहर निकाला जा रहा है। बेसमेंट में अभी भी करीब 7 फीट पानी भरा हुआ है।
कुछ छात्रों के समूह द्वारा 3 छात्रों की मौत पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। यह विरोध दिल्ली नगर निगम के प्रति किया जा रहा है। एक छात्र ने बताया कि “80 प्रतिशत लाइब्रेरी कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में हैं। नगर निगम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।”
आतिशी मार्लेना के मजिस्ट्रेट जांच के आदेश पर विरोध करते हुए एक छात्र ने कहा कि “इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। हम चाहते हैं कि सरकार से कोई यहां आए और उन सभी छात्रों की जिम्मेदारी ले जो अपनी जान गंवा चुके हैं। वे अपने एसी कमरों से ट्वीट करके या पत्र लिखकर किसी का भविष्य कैसे सुधार रहे हैं?”
डीसीपी सेंट्रल, एम हर्षवर्धन ने विरोध करते छात्रों से रेस्क्यू की जगह पर प्रदर्शन न करने की गुजारिश की है।