मुंबई 26/11 हमले में शामिल एक आतंकी को अमेरिकी कोर्ट भारत भेज सकती है। बता दें कि तहव्वुर हुसैन राणा 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले में शामिल था। राणा को अमेरिकी कोर्ट भारत भेजने का फैसला कर सकती है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 2008 में इस हमले को अंजाम दिया था। जिसमे तहव्वुर हुसैन राणा भी हिस्सेदार था।
भारत लाने की दी गई मंजूरी
PTI के अनुसार, नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील अदालत ने गुरुवार को राणा को भारत भेजने का निर्णय लिया। नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय ने राणा के द्वारा दाखिल की गई याचिका खारिज कर दी। इस याचिका में राणा ने जज के उस फैसले को चुनौती देनी चाही थी जिसने राणा को मुंबई अटैक में शामिल होने के कारण उसे भारत भेजने की बात की थी।
हालांकि, राणा अभी भी अपने प्रत्यर्पण को रोकने के लिए प्रयत्न कर सकता है। वह इस फैसले को बदलने के लिए एक बार अपील कर सकता है। फिलहाल राणा को लॉस एंजिलिस के जेल में बंद रखा गया हैं।
कई आतंकी संगठन से है संपर्क
खबर है कि राणा पाकिस्तानी-अमेरिकी लश्कर-ए-तैयबा (LeT) आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली के संपर्क में भी है। डेविड 26/11 हमले के मास्टर माइंड में से एक है। राणा को पाकिस्तान के आतंकी संगठन ISI से भी जुड़ा हुआ माना गया है।
जजों ने पाया दोषी
भारत के द्वारा मजिस्ट्रेट जज को राणा को दोषी साबित करने के लिए कई सारे सबूत दीए गए थे। पैनल के जजों ने यह स्वीकार किया है कि मजिस्ट्रेट जज द्वारा लिया गया फैसला बिलकुल सही था। इस पैनल के जजों के नाम मिलन डी स्मिथ, ब्रिजेट एस बेड और सिडनी ए फिट्ज़वाटर हैं।
जज मिलन डी स्मिथ ने कहा कि “चूंकि पक्ष इस बात पर विवाद नहीं करते कि भारत में आरोपित अपराधों में वे तत्व शामिल हैं जो संयुक्त राज्य अमेरिका में राणा पर मुकदमा चलाए जाने वाले अपराधों से अलग हैं, इसलिए संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है।”
कई मासूम लोगों को गवानी पड़ी थी जान
26/11 मुंबई हमले में 166 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। इस हमले में कई प्रसिद्ध जगहों को आतंकवादियों ने अपना निशाना बनाया है। जान गवाने वालों में 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे।
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