प्रतिबंध की मांग के बीच सीबीएफसी ने नही दी फिल्म इमरजेंसी को सर्टिफिकेट। हालही में कंगना रनौत ने अपनी आगामी फिल्म इमरजेंसी को लेकर काफी चिंता जताई है। अभिनेत्री ने बताया कि फिल्म को अभी तक केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) से प्रमाणन नहीं मिला है, फिल्म को अभी तक मंजूरी नही दी गई है।आईएएनएस के साथ हुए एक साक्षात्कार में, कंगना ने यह दावा भी किया है कि फिल्म को शुरू में सेंसर के द्वारा मंजूरी दे दी गई थी, लेकिन बाद में फिल्म को लेकर “बहुत अधिक ड्रामा” के कारण अंतिम प्रमाण पत्र देने से मना कर दिया गया है।
अभिनेत्री ने अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहती है की, “सेंसर के साथ भी बहुत सारे मुद्दे हैं। मुझे पूरा भरोसा था कि मुझे प्रमाणपत्र मिल गया है। लेकिन अब वे मुझे मेरा प्रमाणपत्र नहीं दे रहे हैं।” उन्होंने ऐसा भी सुझाव दिया कि सीबीएफसी बाहरी दबावों के कारण सर्टिफिकेट देने से हिचकिचा रही है।
फिल्म को लेकर हो रहे विवाद:-
कंगना की फिल्म आपातकाल से जुड़ी चुनौतियाँ प्रमाणन मुद्दों से जुड़ी बाते बहुत आगे तक फैली चुकी हैं। लोगो द्वारा इस फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है, खास तौर पर तेलंगाना में इस फिल्म को लेकर बवाल मचा रहा है। पूर्व आईपीएस अधिकारी तेजदीप कौर मेनन के नेतृत्व में तेलंगाना सिख सोसाइटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने फ़िल्म पर सिख समुदाय को आतंकवादी और राष्ट्र-विरोधी के रूप में चित्रित करने का आरोप लगाया है, सीखो का मानना है की यह फिल्म उनके समुदाय को नकारात्मक रूप से दिखा रही है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) और अकाल तख्त ने भी तत्काल फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, उनका आरोप है कि फ़िल्म सिखों के “चरित्र हनन” का प्रयास कर रही है।
कंगना ने इन विवादों को संबोधित करते हुए कहा है की, “हमें इतिहास दिखाना होगा। लगभग 70 वर्षीय महिला को उसके घर में 30-35 बार गोली मारी गई… किसी ने उसे मार दिया होगा। अब आप इसे दिखाना चाहते हैं… क्योंकि जाहिर है, आपको लगता है कि आप किसी को चोट पहुँचा सकते हैं। लेकिन आपको इतिहास दिखाना होगा।”
कंगना अपने फिल्म को बचाने का दृढ़ निश्चय कर चुकी है। उनका कहना है की “मैं अपनी फिल्म की रक्षा के लिए अदालत जाने के लिए भी दृढ़ संकल्पित हूं। एक व्यक्ति के रूप में अपने अधिकार को बचाने के लिए।”
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