केंद्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (Unified Pension Scheme) को दिखाई हरी झंडी। डॉ. सोमनाथ कमेटी की रिपोर्ट पर विचार करते हुए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। कर्मचारियों के लिए यह एक सराहनीय और प्रभावशाली कदम माना जा रहा है।
मोदी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक शानदार सौगात दी।शनिवार को मोदी कैबिनेट ने ‘यूनिफाइड पेंशन स्कीम’ (Unified Pension Scheme) को हरी झंडी दिखाते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस नई योजना के तहत कर्मचारियों को पेंशन के क्षेत्र में एकीकृत और अधिक लाभकारी सुविधाएं मिलेंगी, जिससे उनकी सेवानिवृत्ति सुरक्षित और अधिक स्थिर हो जाएगी। इससे पूर्व, NPS में सुधार की मांग पर डॉ. सोमनाथ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। सरकार ने कर्मचारियों की मांगों पर गौर करते हुए NPS में सुधार का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया के तहत डॉ. सोमनाथ कमेटी का गठन किया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट में NPS में बदलाव के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम को हरी झंडी दे दी है।
कितनो को होंगे लाभ
यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी मिलने से सरकारी कर्मचारियों को एक बड़ी राहत और महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा, जो उनके भविष्य को सुरक्षित और स्थिर बनाएगा। यह स्कीम 1 अप्रैल 2025 से लागू होगी, जिससे सरकारी कर्मचारियों को नए और बेहतर पेंशन लाभ मिलने लगेंगे। इसका लाभ 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, जो उन्हें एक नई और बेहतर पेंशन व्यवस्था से सम्मानित करेगा। 25 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को इस स्कीम का पूरा लाभ मिलेगा, जिससे उनकी पेंशन और भी अधिक समृद्ध और सुनिश्चित हो जाएगी। नौकरी के अंतिम 12 महीनों में मिली बेसिक वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में प्राप्त होगा। 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को 10 हजार रुपये का फायदा उठा पाएंगे।
क्या क्या लाभ मिलेंगे?
फैमिली पेंशन के तहत 60 प्रतिशत की दर से लाभ दिया जाएगा। इसका मतलब है कि यदि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु होती है, तो उनके आश्रितों को उनकी अंतिम पेंशन का 60 प्रतिशत प्राप्त होगा। एनपीएस और यूपीएस दोनो में से किसी एक को चुनने का विकल्प उपलब्ध होगा। जो पहले से एनपीएस में हैं, उन्हें भी इस नई स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। राज्य सरकार भी इस मॉडल को अपनाने की सुविधा प्राप्त कर सकेगी। कर्मचारियों को अतिरिक्त अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसका 18 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा उठाया जाएगा। कर्मचारियों का योगदान एनपीएस की ही भांति दस प्रतिशत बना रहेगा। सरकारी कर्मचारियों को महंगाई इंडेक्सेशन का विशेष लाभ मिलेगा, जो उनकी पेंशन को महंगाई से सुरक्षित रखेगा।
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