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स्त्री 2 की सफलता पर बोले अमर कौशिक, जानिए पूरी बात…

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स्त्री 2 की सफलता पर फिल्म निर्माता अमर कौशिक ने अपनी खुशी सांझा की है। अमर कौशिक देश की सबसे सफल फ्रेंचाइजी को आगे ले जाने के बढ़ते दबाव को महसूस करते हैं। स्त्री 2, यह फिल्म मच अवेटेड फिम्लो में से एक थी और आते ही बॉक्स ऑफिस पर छा गई।

फिल्म निर्माता दवाब महसूस कर रहे है:-

अमर कौशिक का कहना है कि “जब से मैंने इस फिल्म को बनाने के बारे में सोचा, जाहिर तौर पर एक दबाव था, सीक्वल का दबाव है। मैंने उस दबाव और डर के साथ शुरुआत की, लेकिन मैंने उस दबाव को अपने और टीम के दिमाग में नहीं आने दिया। हमें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा क्योंकि ज्यादातर बार ऐसा होता है कि सीक्वल को लेकर दर्शकों की प्रतिक्रिया यह होती है कि पहली फिल्म बेहतर थी, इसलिए यह मेरे लिए एक चुनौती थी। मैं थोड़ा आशंकित हूं कि मैं आगे क्या करूंगा। लेकिन कहीं न कहीं मैं इस बात से खुश भी हूं कि मैंने जो कुछ भी किया है, लोग उसे खूब पसंद कर रहे हैं,।”


उन्होंने आगे ये भी कहा, “सर, मूल रूप से यह सीक्वल वही है जो निर्देशक, मैं, चाहते थे, निर्माता चाहते थे, जनता यही चाहती थी, वे यह फिल्म चाहते थे, जनता की मांग थी कि वे दूसरा भाग देखना चाहते हैं। मैं देखना चाहता था कि मैंने दूसरे भाग में क्या किया क्योंकि पिछले चार-पांच सालों में, पहले भाग के बाद, मैं जो कुछ भी कर रहा था, जहां भी जा रहा था, लोग हमेशा मुझसे इसके बारे में पूछते थे और इसके बारे में कई सवाल थे जो वे मुझसे पूछना चाहते थे, तो मैं कहता था हां, मैं सोच रहा हूं, मैं लिख रहा हूं, यह आ रहा है।”

सीक्वल का विचार कैसे आया?

निर्माता अमर कौशिक मन में सीक्वल का विचार तब आया जब  पहले भाग की शूटिंग पूरी हो चुकी थी। उन्होंने कहा, “इसमें समय लगा क्योंकि मैं कुछ और बना रहा था। फिर  भेड़िया बनाते समय मुझे लगा कि इसे एक ब्रह्मांड का आकार दिया जाना चाहिए, इसे अलग-अलग ब्रह्मांडों में ले जाना चाहिए, इसीलिए मैं  स्त्री  से  अपने एक किरदार जना (अभिषेक बनर्जी) के किरदार को भेड़िया में ले आया । तो कहीं न कहीं ये मेरी फिल्म से ज्यादा जनता की फिल्म है। जैसे ही ट्रेलर आया, हमें लोगों की प्रतिक्रियाएं मिलनी शुरू हो गईं। जैसे ही बुकिंग शुरू हुई, हमें लोगों की प्रतिक्रियाएं मिलनी शुरू हो गईं। जैसे ही फिल्म शुरू हुई और लोगों की प्रतिक्रियाएं मिलीं, ये साबित हो गया कि ये हमारी नहीं बल्कि जनता की फिल्म है।”


वह आगे कहते है कि, “हमें पता था कि यह सीक्वल है और सीक्वल में हमें वो सारी चीजें रखनी हैं जो लोगों को पहले भाग में पसंद आई थीं। अगर आप इस बात की बात करें कि लोगों को डर पसंद आया, उन्हें इसमें कॉमेडी पसंद आई। उन्हें पहली स्त्री  फिल्म के किरदार बहुत पसंद आए। स्त्री की दुनिया बहुत ईमानदार थी, इसलिए जब हम अपनी फिल्म शुरू कर रहे थे, तो पहली बात जो हमने उनसे कही वो ये थी कि हमें बहुत ईमानदार होना चाहिए। लेकिन हमने खुद पर कोई दबाव नहीं डाला। ईमानदारी से कहूं तो किरदार, उनकी दुनिया जो थी; हमें बस उसे आगे ले जाना था।”
सीक्वल पेपर पर कैसे उतर कर आया, इस पर उन्होंने ने कहा, “हमने पहले ड्राफ्ट को विकसित होने दिया। उसमें किस तरह का सुर आता है? फिर दूसरा ड्राफ्ट आया, कैसे फिल्म सुर पकड़ती है, धुन पकड़ती है और ऐसा करते हुए चौदह ड्राफ्ट तैयार हुए। उसके बाद मैंने एक्टर को स्क्रिप्ट सुनाई। फिर मैं मुस्कुराया कि हां, बहुत बढ़िया लिखा है; जब यह किरदार यह लाइन बोलेगा, तो दर्शकों को पसंद आएगा। एक ही भूत से दर्शक कितनी बार डर सकते हैं? डर और हास्य के लिए अलग-अलग स्थितियां हो सकती हैं। हमने सुनिश्चित किया कि हम दोहराव न करें। किरदारों को विकसित होना था, विलेन का किरदार आगे बढ़ा है, जना का किरदार आगे बढ़ा है, बिट्टू, विक्की, रुद्र और श्रद्धा… इन सभी किरदारों की यात्रा को दिखाना था।”

निर्देशक ने आगे यह भी बताया कि, “यह सब बहुत महत्वपूर्ण था। हमें एक ऐसी कहानी बनानी थी जो पहले से बेहतर हो, तभी लोग इसका आनंद लेंगे और जाहिर है कि यह डर भी था कि यह सही निकलेगी या नहीं… आप जो कर रहे हैं वह सही है या नहीं? फिर आखिरकार निर्देशक का दृढ़ विश्वास रंग लाया। अगर मैं दर्शक होता, तो मुझे लगता कि यह सही होगा। यह सही निकला क्योंकि छह साल पहले। मैं भी दर्शकों का हिस्सा था। अब मैंने फ़िल्में बनाना शुरू कर दिया है। मैंने इस फ़िल्म को अपने दर्शकों के रूप में देखा और फिर मेरा स्वाद और दर्शकों का स्वाद मेल खा गया।”

आगे कैसी फिल्मे बनायेगे निर्देशक:-

अमर को कुछ पक्का नहीं है कि वे आगे क्या और कैसे फिल्मे बनाएंगे। उन्होंने कहा, “अभी तो मुझे नहीं पता, लेकिन अभी तो यही है। जनता इस फ्रैंचाइज़ के लिए पूछती रहेगी। सर, हमें उन्हें देना ही होगा, और उसी ईमानदारी से देना होगा। लेकिन इसके अलावा, एक फिल्म निर्माता के तौर पर मैं हमेशा नई चीजें तलाशना चाहता हूं, इसलिए मैं अभी प्रोड्यूस कर रहा हूं। मैं उन फिल्मों से जुड़ रहा हूं, जो मैं अभी नहीं बना पा रहा हूं। मैं अपनी टीम के सभी सदस्यों, एडी, जो मेरे साथ थे, को फिल्म बनाने का मौका दे रहा हूं। क्योंकि मुझे भी ऐसा ही मौका मिला है। मैं उन सभी लोगों के साथ फिल्में बनाना चाहता हूं, जो मेरे साथ जुड़े थे या मेरे आस-पास के सभी प्रतिभाशाली लोग, ताकि मैं सिर्फ़ हॉरर करने के अपने जुनून से बाहर आ सकूं। जैसे मैंने  बाला बनाई थी , वैसे ही मैं कुछ नया बनाने की सोच रहा हूं। फ्रैंचाइज़ इतनी बड़ी चीज होती है कि इसमें आपका बहुत समय लगता है।  स्त्री फिल्मों में वीएफएक्स बहुत ज़्यादा हैवी है। मुझे कुछ अलग करने का मन कर रहा है।”

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