बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने करीबी सहयोगी अशोक चौधरी को पार्टी में एक महत्वपूर्ण पदभार सौंपा है। उन्हें जदयू (जनता दल यूनाइटेड) का राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त किया गया है। अशोक चौधरी, जो पहले से ही बिहार सरकार में ग्रामीण कार्य मंत्री के पद पर हैं, अब इस नई भूमिका में पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की गतिविधियों को भी संभालेंगे।
हाल ही में अशोक चौधरी विवादों में घिरे थे, खासकर उनके एक ट्वीट को लेकर जो सोशल मीडिया पर खूब चर्चित हुआ। इसके बाद चौधरी ने नीतीश कुमार से मुलाकात की और उन्हें “मानस पिता” कहकर संबोधित किया, जिससे राजनीतिक विवाद थमा। नीतीश कुमार के इस फैसले को चौधरी के प्रति उनके भरोसे और समर्थन के रूप में देखा जा रहा है, खासकर पार्टी में आंतरिक विवादों के बावजूद।
अशोक चौधरी, जो पहले कांग्रेस के बिहार प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, 2017 में महागठबंधन टूटने के बाद जदयू में शामिल हुए थे। तब से वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के भरोसेमंद नेताओं में गिने जाते हैं। जदयू में शामिल होने के बाद चौधरी ने खुद को एक मजबूत और सक्रिय नेता के रूप में स्थापित किया है। जदयू की राजनीति में उनकी पकड़ मजबूत होने के बाद उन्हें पहले भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ दी गई थीं।
अशोक चौधरी को जदयू का राष्ट्रीय महासचिव बनाना इस बात का संकेत है कि नीतीश कुमार उनके राजनीतिक कौशल और नेतृत्व क्षमता पर पूरा भरोसा रखते हैं। यह कदम पार्टी के अंदरूनी संगठन को मजबूत करने के लिए भी उठाया गया है, खासकर उस समय जब पार्टी अपने भविष्य की रणनीति पर विचार कर रही है
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