AAP के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आतिशी को अपना उत्तराधिकारी बनाया। सुबह पार्टी विधायकों की बैठक में केजरीवाल ने उनका नाम प्रस्तावित किया। जिसके बाद उन्हे सर्व सहमति से दिल्ली आप विधायक दल का नेता चुना गया। यह बैठक केजरीवाल के राष्ट्रीय राजधानी में आवास पर हुआ। जिसमें विधायक दल के सभी लोग शामिल थे।
सभी को उम्मीद थी की लालू प्रसाद यादव की तरह अरविंद केजरीवाल भी अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद दे देंगे। पर मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री की पत्नी सुनीता केजरीवाल के पदभार संभालने की संभावना को खारिज कर दिया। अरविंद केजरीवाल के उत्तराधिकारी के बारे में पूछे जाने पर भारद्वाज ने कहा कि, “मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि यह मंत्रिपरिषद में से कोई होगा या विधायकों में से। लेकिन हम आपको बता देंगे। जहां तक मैं अरविंद केजरीवाल की राजनीति को समझता हूं, मुझे नहीं लगता कि ये सुनीता केजरीवाल होंगी।” उन्हें यह भी कहा कि सुनीता को मुख्यमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
शनिवार को केजरीवाल ने घोषणा की कि वह इस्तीफा दे देंगे और तब तक मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे जब तक दिल्ली के लोग उन्हें “ईमानदार” घोषित नहीं कर देते। उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी में फरवरी में होने वाले चुनावों से पहले इस साल नवंबर में चुनाव कराने का भी आह्वान किया है। केजरीवाल ने कहा कि अगर जनता उन्हें दोबारा चुनती है तो यह उनकी ईमानदारी का ‘प्रमाणपत्र’ होगा। उन्होंने कहा कि वह महाराष्ट्र में समय से पहले चुनाव कराने पर जोर देंगे।
बता दे कि किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री को यह अधिकार है की वह अपना कार्यकाल एक साल पहले खतम कर चुनाव पहले करवा सकता है।
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