प्रदर्शन ने काफी भयानक रूप ले लिया है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री प्रधान मंत्री शेख हसीना गुप्त रूप से एक सैन्य विमान में देश छोड़कर भाग गईं। सोमवार को वह भारत उतरीं, सेना सत्ता की कमी को पूरा करने के लिए सरकार में काबिज हो गयी है।

हसीना के भाग जाने की खबर फलते ही सैकड़ों लोग प्रधान मंत्री आवास में घुस गए। प्रदर्शनकारीयों ने आवास में तोड़फोड़ और लूटपाट की। पिछले दो दिनों में सौ से अधिक लोग मारे गए हैं। लोग सरकार पर उनके द्वारा लगाए गए कोटा से गुस्सा है। 1971 का मुक्ति संग्राम लड़ने वाले दिग्गजों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित की गई हैं। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने सड़कों पर उग्र भीड़ के उतरने के साथ ही कुछ लोग बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा पर चढ़ गए और इसे हथौड़ों से तोड़ दिया। सेना प्रमुख जनरल वकार-उज़-ज़मान ने घोषणा की कि 76 वर्षीय प्रधानमंत्री मंत्री ने इस्तीफा दे दिया है। बांग्लादेश के जेस्सोर में अवामी लीग नेता के होटल में आग लगने से कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई, 84 अन्य घायल हो गए। दिल्ली में शुभ 10 बजे सर्व दलिये बैठक बुलाई गयी है।

बांग्लादेश मुद्दे पर आरएसपी सांसद एनके प्रेमचंद्रन कहते हैं, “भारत सरकार को बांग्लादेश मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करनी होगी। वह भारत के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक था। हमें पूरी स्थिति की जानकारी नहीं है। यह गंभीर चिंता का विषय है।” इस पर विचार कर रहे हैं। सरकार को इस मुद्दे पर एक बयान देने दीजिए।”

बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है, ”जहां तक भारत का सवाल है, हमें बांग्लादेश के लोगों को पहला और सबसे महत्वपूर्ण संकेत यह देना होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं, इसमें भारत का कोई अन्य निहित स्वार्थ नहीं है।” उन्होंने कहा “हिंदू घरों, मंदिरों और व्यक्तियों पर हमलों की कुछ परेशान करने वाली खबरें आ रही हैं। हम सभी ने कल लूटपाट की तस्वीरें देखीं, यह कुछ दिनों में शांत और स्थिर हो सकती है, अगर ऐसा नहीं हुआ तो शरणार्थियों के हमारे देश में भागने का भी खतरा है और यह गंभीर चिंता का विषय होगा।”


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