New Delhi: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 जनवरी को अशोक विहार में आयोजित रैली के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के तीन बड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास करेंगे, जिनमें से एक कॉलेज स्वतंत्रता संग्राम सेनानी veer savarkar के नाम पर होगा। यह कॉलेज न केवल शैक्षणिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि चुनावी राजनीति में भी गहरी छाप छोड़ने की संभावना है।
Veer savarkar भारतीय जनता पार्टी के वैचारिक आधार के एक प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं। प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी के अन्य नेता समय-समय पर अपने भाषणों में सावरकर के योगदान को प्रमुखता से उजागर करते रहे हैं। वहीं, विपक्ष अक्सर वीर सावरकर को लेकर केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमला करता रहा है। ऐसे में वीर सावरकर के नाम पर कॉलेज की घोषणा न केवल बीजेपी की विचारधारा को और मजबूत करने का प्रयास है, बल्कि दिल्ली चुनाव के लिए एक रणनीतिक दांव भी है।
Veer savarkar College: दिल्ली विश्वविद्यालय के 600 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली विश्वविद्यालय के तीन प्रमुख प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास करेंगे, जिनकी कुल लागत 600 करोड़ रुपये है। इनमें वीर सावरकर के नाम पर बनने वाला नया कॉलेज प्रमुख है। इससे हजारों छात्रों को उच्च स्तरीय शिक्षा का लाभ मिलेगा। इसके अलावा, विश्वविद्यालय के अन्य दो प्रोजेक्ट्स भी शैक्षणिक और बुनियादी ढांचे को मजबूत करेंगे। प्रधानमंत्री की इस घोषणा से दिल्ली विश्वविद्यालय के विकास को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।
क्या ये है चुनावी रणनीति का हिस्सा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि veer savarkar के नाम पर कॉलेज की घोषणा बीजेपी का एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है। बीजेपी लंबे समय से आम आदमी पार्टी (AAP) पर यह आरोप लगाती रही है कि उसने दिल्ली की जनता के लिए पिछले 10 वर्षों में कोई बड़ा कार्य नहीं किया। ऐसे में वीर सावरकर कॉलेज की आधारशिला रखकर बीजेपी यह संदेश देना चाहती है कि वह शिक्षा और विकास के प्रति प्रतिबद्ध है।
यह कदम न केवल दिल्ली के युवाओं को लुभाने की कोशिश है, बल्कि बीजेपी समर्थकों के बीच पार्टी की विचारधारा को और मजबूत करेगा। वहीं, विपक्ष इस कदम को चुनावी स्टंट बताकर इसे निशाने पर ले सकता है।
वीर सावरकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक ऐसे योद्धा रहे हैं, जिनके विचार आज भी विवाद और प्रशंसा के केंद्र में हैं। बीजेपी उन्हें राष्ट्रवाद और त्याग का प्रतीक मानती है, जबकि विपक्ष उनके विचारों को लेकर सवाल उठाता रहा है। ऐसे में उनके नाम पर कॉलेज की घोषणा न केवल शिक्षा के क्षेत्र में एक पहल है, बल्कि राजनीतिक ध्रुवीकरण का भी प्रयास माना जा रहा है।
दिल्ली चुनाव पर खास असर
इस घोषणा के बाद दिल्ली में राजनीतिक माहौल गर्माने की संभावना है। विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को बीजेपी के खिलाफ हथियार बना सकते हैं। वहीं, बीजेपी इसे अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता और विकास के एजेंडे के रूप में प्रस्तुत करेगी। प्रधानमंत्री मोदी की रैली के बाद इस घोषणा को लेकर जनता और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं महत्वपूर्ण होंगी। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि दिल्ली चुनाव पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है।
Veer sarvarkar के नाम पर कॉलेज की आधारशिला रखना न केवल शैक्षणिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि दिल्ली की राजनीति में नए आयाम भी जोड़ सकता है। यह कदम बीजेपी के लिए एक राजनीतिक हथियार और विपक्ष के लिए एक चुनौती बन सकता है।
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