झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का सिरम टोली सरना स्थल पर किया गया दौरा आज एक विवादास्पद मोड़ पर पहुंच गया। मुख्यमंत्री अपने परिवार के साथ सरना स्थल पहुंचे थे, जहां आदिवासी समुदाय के लोग उनके पहुंचते ही विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। जैसे ही सीएम वहां पहुंचे, लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया, और इस विरोध के कारण सीएम को माथा टेकने के बाद तुरंत लौटने का फैसला करना पड़ा।
पूर्व शिक्षा मंत्री गीता उरांव ने इस विरोध को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “सरहुल पर कोई भी काली पट्टी नहीं पहनना चाहता, लेकिन सरकार हमें मजबूर कर रही है। आज शुभ दिन पर ग्रहण लग गया है।” उनका कहना था कि आदिवासी समुदाय को अपनी भावनाओं और परंपराओं के साथ छेड़छाड़ करने के लिए दबाव डाला जा रहा है, जो उन्हें मंजूर नहीं है।
सिरम टोली सरना स्थल पर पहले से ही विरोध जारी था, और प्रदर्शनकारी यह साफ कह रहे थे कि जब तक अजय तिर्की, जो केंद्रीय सरना समिति के कार्यवाहक अध्यक्ष है, इस स्थल से नहीं हटेंगे, उनका विरोध शांत नहीं होगा। उनका कहना था कि जब तक यह मुद्दा हल नहीं होगा, तब तक वे इस तरह के विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इस घटना ने राज्य की राजनीति में एक नया विवाद छेड़ दिया है, और अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि सरकार इस बढ़ते विरोध का किस तरह से सामना करेगी। क्या सरकार अपनी रणनीति बदलती है, या यह विरोध और तूल पकड़ेगा? समय ही बताएगा।
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