दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi election 2025) से पहले राजनीतिक सरगर्मी अपने चरम पर है। आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सीधी टक्कर है, और इस बीच AAP के राष्ट्रीय संयोजक एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal ने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखकर गंभीर आरोप लगाए हैं।
Arvind kejriwal ने पत्र में कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर लगातार हमले हो रहे हैं, लेकिन प्रशासन और पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कार्यकर्ता AAP वॉलंटियर्स को निशाना बना रहे हैं, जिससे चुनावी माहौल प्रभावित हो रहा है। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले में दखल देने और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव (Delhi election 2025) सुनिश्चित करने की अपील की है।
Arvind kejriwal की चुनाव आयोग से चार अहम मांगें (Delhi election 2025)
अपने पत्र में केजरीवाल ने चुनाव आयोग के सामने चार प्रमुख मांगें रखी हैं, जिनमें—
1. स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक की नियुक्ति
केजरीवाल ने मांग की है कि नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक (इंडिपेंडेंट इलेक्शन ऑब्जर्वर) की नियुक्ति की जाए। उनका कहना है कि निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए यह जरूरी है, ताकि किसी भी तरह की धांधली न हो और मतदाताओं को बिना किसी डर के मतदान करने का अधिकार मिले।
2. AAP कार्यकर्ताओं की सुरक्षा
AAP के राष्ट्रीय संयोजक ने यह भी मांग की है कि चुनाव आयोग उनके पार्टी वॉलंटियर्स और कार्यकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की हिंसा पर जल्द रोक नहीं लगाई गई तो चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे लोकतंत्र की मूल भावना को ठेस पहुंचेगी।
3. जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई
केजरीवाल ने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों की लापरवाही या मिलीभगत से AAP कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं, उन्हें तत्काल निलंबित किया जाए। उनका आरोप है कि कुछ जगहों पर पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है और भाजपा के समर्थकों को खुली छूट दी जा रही है।
4. हमलावरों की गिरफ्तारी
केजरीवाल ने मांग की है कि आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमला करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं को तुरंत गिरफ्तार किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं गया तो यह दिल्ली के शांतिपूर्ण चुनावी माहौल को बिगाड़ सकता है।
दिल्ली में 5 फरवरी को मचेगा धमाल
गौरतलब है कि दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा के चुनाव होने हैं और इससे पहले आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। जहां एक ओर AAP अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाकर वोट मांग रही है, वहीं भाजपा मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर असमंजस में होने के बावजूद पूरी ताकत झोंक रही है।
AAP के अनुसार, उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले इसलिए हो रहे हैं क्योंकि भाजपा को हार का डर सता रहा है। पार्टी का दावा है कि जनता उनके काम से खुश है और वे दोबारा सत्ता में लौटेंगे। वहीं, भाजपा का कहना है कि AAP बेवजह मुद्दे खड़े कर रही है और चुनाव आयोग को प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
केजरीवाल के इस पत्र पर भाजपा की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है। भाजपा के प्रवक्ता ने कहा कि AAP सिर्फ सहानुभूति बटोरने के लिए इस तरह की बातें कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पूरी चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से हो रही है और आम आदमी पार्टी हार के डर से पहले से ही चुनाव आयोग पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रही है। भाजपा ने यह भी दावा किया कि उनके कार्यकर्ताओं पर भी हमले हुए हैं, लेकिन उन्होंने इसे लेकर कोई हंगामा नहीं किया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से काम कर रहा है और किसी भी राजनीतिक दल को बेवजह उसे प्रभावित करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
क्या होगा चुनाव आयोग का अगला कदम?
अब सवाल यह है कि चुनाव आयोग इस मामले में क्या कदम उठाएगा। क्या केजरीवाल की मांगों पर कोई ठोस कार्रवाई होगी या इसे सिर्फ चुनावी बयानबाजी मानकर नजरअंदाज कर दिया जाएगा? अगर चुनाव आयोग निष्पक्ष रूप से जांच करता है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करता है, तो इससे न केवल आम आदमी पार्टी बल्कि पूरे लोकतांत्रिक तंत्र में भरोसा बढ़ेगा। वहीं, अगर कोई कार्रवाई नहीं होती, तो यह सवाल उठेगा कि क्या चुनाव आयोग स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है या किसी दबाव में है?
फिलहाल, दिल्ली की जनता और राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें इस पर टिकी हैं कि चुनाव आयोग इस पूरे मामले पर क्या निर्णय लेता है।
Also read: Udit Narayan के ‘किस’ वीडियो ने मचाया हंगामा, फैंस नाराज़
Visit: https://www.facebook.com/Untoldthemedia
Discover more from The Untold Media
Subscribe to get the latest posts sent to your email.