दिल्ली सचिवालय में एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें दिल्ली के तीन मंत्री – गोपाल राय, सौरभ भारद्वाज, और दिल्ली की मेयर शैली ओबेरॉय उपस्थित थे। इसके साथ ही दिल्ली सरकार के सभी वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद थे। इस बैठक में दिल्ली के विभिन्न कोचिंग सेंटर हब्स के प्रतिनिधियों के साथ-साथ छात्रों ने भी भाग लिया।
बैठक के दौरान, छात्रों ने कोचिंग संस्थानों, उनकी बढ़ती हुई फीस और उचित इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के बारे में अपनी चिंताओं और फीडबैक को प्रस्तुत किया। इसके अलावा, उन्होंने उन क्षेत्रों में कमरे के किराए के बारे में भी चिंता व्यक्त की, जहां ये कोचिंग सेंटर चलाए जाते हैं। छात्रों का कहना था कि उच्च ब्रोकर शुल्क चुकाने के बावजूद सुविधाओं की कमी है।
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने बैठक के बाद कहा, “हमने छात्रों को आश्वासन दिया है कि हम इन सभी कारकों को अपने नियमन में शामिल करेंगे। छात्रों को भी इस प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा क्योंकि वे भी एक महत्वपूर्ण हिस्सेदार हैं।”
इस बैठक का उद्देश्य छात्रों और कोचिंग सेंटर संचालकों के बीच की समस्याओं को समझना और उन्हें हल करने के उपाय ढूंढ़ना था। दिल्ली सरकार ने छात्रों को बेहतर सुविधाएं और उचित फीस ढांचे का आश्वासन दिया है, जिससे छात्रों को उनकी शिक्षा में कोई समस्या न हो। इस बैठक में उठाए गए मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही आवश्यक कदम उठाने की योजना बना रही है।
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