प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी से जुड़े ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए गोरखपुर और लखनऊ में एक साथ छापेमारी की। यह छापेमारी 754 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी से जुड़े मामले में की गई है। ईडी की टीमों ने सुबह-सुबह दोनों शहरों में कई परिसरों पर दस्तक दी, जिससे पूरे क्षेत्र में हलचल मच गई।
बैंक से करोड़ों की ठगी का आरोप
विनय शंकर तिवारी और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि उन्होंने विभिन्न कंपनियों और संस्थाओं के माध्यम से बैंकों से बड़ी रकम कर्ज के रूप में ली, जिसे बाद में जानबूझकर वापस नहीं चुकाया गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस कर्ज को हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों और गलत जानकारियों का इस्तेमाल किया गया। ईडी इस बात की भी जांच कर रही है कि कहीं यह धनराशि मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए अन्य क्षेत्रों में तो नहीं लगाई गई।
दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण और बैंक रिकॉर्ड जब्त
सूत्रों के मुताबिक, ईडी की छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और बैंक खातों से जुड़े रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन साक्ष्यों से पूरे फर्जीवाड़े की परतें खुल सकती हैं। जांच एजेंसी यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि तिवारी और उनकी कंपनियों को किन-किन राजनीतिक और कारोबारी संस्थाओं का समर्थन प्राप्त था।
ED की इस कार्रवाई से उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में भी खलबली मच गई है। विपक्षी दलों ने जहां इसे राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है, वहीं भाजपा नेताओं ने कानून को अपना काम करने देने की बात कही है। फिलहाल, ईडी की जांच जारी है और आने वाले दिनों में कुछ और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है।
इस पूरे मामले पर विनय शंकर तिवारी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है।
Also read: राहुल गांधी ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ पदयात्रा में हुए शामिल, बेगूसराय से कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
Visit: https://instagram.com/the.untoldmedia
Discover more from The Untold Media
Subscribe to get the latest posts sent to your email.