राँची:- झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के तमाम पदों से इस्तीफा देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जे०पी नड्डा के प्रति आस्था जताते हुए धुर्वा मैदान में आयोजित मिलन समारोह में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेई, असम के मुख्यमंत्री सह चुनाव प्रभारी हिमांता बिस्वा शर्मा, केंद्रीय मंत्री सह चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान के अलावा प्रदेश के सभी नेता शामिल हुए!!
झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को लिखा था भावुक पत्र
बता दें कि इस्तीफा के साथ चंपई ने झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को भी एक भावुक पत्र भेजा था। चंपई ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी पदों से इस्तीफा देते हुए लिखा कि मैं चम्पाई सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा की वर्तमान कार्यशैली एवं नीतियों से विक्षुब्ध होकर, पार्टी छोड़ने को विवश हूं। उन्होंने आगे लिखा कि अत्यंत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि आपके मार्गदर्शन में जिस पार्टी का सपना हम जैसे कार्यकर्ताओं ने देखा था, एवं जिसके लिए हम लोगों ने जंगलों, पहाड़ों एवं गांवों की खाक छानी थी, आज पार्टी अपनी उस दिशा से भटक चुकी है!
सीएम पद से हटने के बाद से नाराज थे चंपाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा में गुरुजी शिबू सोरेन के बाद दूसरे स्थान पर बतौर उपाध्यक्ष रहने वाले चंपाई सोरेन हेमंत सोरेन के जेल से बाहर निकलने के बाद मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद से नाराज चल रहे थे. हालांकि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बनी नई सरकार में भी उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. मगर जिस तरह से उन्होंने पिछले दिनों सोशल मीडिया के जरिए अपमानित किए जाने की बात सार्वजनिक की थी उसके बाद से लग रहा था कि चंपाई सोरेन ज्यादा दिन झारखंड मुक्ति मोर्चा में नहीं रहेंगे. कयासों पर विराम लगाते हुए आखिरकार बुधवार को दिल्ली से भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह और शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर रांची लौटते ही उन्होंने झामुमो को बाय-बाय करने का फैसला ले लिया!
JMM का बिगड़ा चुनावी समीकरण
चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की नींद उड़ गई है। इस बात को ऐसे समझिए कि झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी (JMM) के संस्थापक सदस्य रहे चंपई सोरेन के पास झारखंड की राजनीति का एक अच्छा खासा अनुभव होने के साथ-साथ JJP की रणनीति से भी पूर्ण रूप से वाकिफ है और चुनाव इतने नजदीक होने के बाद चंपई सोरेन का पार्टी छोड़ना हेमंत सोरेन के लिए चिंता का विषय बन गया!
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