प्रधानमंत्री किसान योजना और मंईया योजना में फर्जीवाड़े के बाद अब झारखंड सरकार के ई-कल्याण पोर्टल पर भी धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। सिद्धनाथ बीएड कॉलेज, जपला के नाम पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर 10 लोगों ने छात्रवृत्ति लेने का प्रयास किया। इस मामले में कॉलेज प्रशासन की शिकायत पर हुसैनाबाद थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि मामला गंभीर है और विस्तृत जांच की जा रही है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
सिद्धनाथ बीएड कॉलेज, जपला के प्रोफेसर प्रमोद कुमार पांडेय ने हुसैनाबाद थाना में आवेदन देकर इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि 10 आवेदकों ने फर्जी बोनाफाइड सर्टिफिकेट, अंक पत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज तैयार कर झारखंड सरकार के ई-कल्याण पोर्टल पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किया।
कॉलेज प्रशासन ने जब पोर्टल पर इन छात्रों की जानकारी जांची, तो पाया कि ये सभी कॉलेज के पंजीकृत छात्र नहीं हैं। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इन फर्जी आवेदनों को रद्द कराने के लिए जिला कल्याण पदाधिकारी, मेदिनीनगर को पत्र भेजा। जब मामले की जांच की गई, तो पाया गया कि ये सभी दस्तावेज नकली हैं और इसके जरिए सरकारी धन का गबन करने की साजिश की जा रही थी।
फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद दर्ज हुई प्राथमिकी
कॉलेज प्रशासन की शिकायत पर जिला कल्याण पदाधिकारी ने फर्जी आवेदकों के नामों को रद्द करने का आदेश दिया और इस पूरे मामले की एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। इसके बाद सिद्धनाथ बीएड कॉलेज प्रशासन ने हुसैनाबाद थाना में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर पुलिस ने दस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। प्राथमिकी में फर्जीवाड़े में शामिल दस लोगों के नाम शालिनी कुमारी, बैगनी देवी, गीता कुमारी, पूजा कुमारी, कविता देवी, गीता देवी, रेखा देवी, ऋतिक रोशन, सुमन देवी और उषा देवी हैं।
हुसैनाबाद थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी ने बताया कि आवेदन के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा, “हम इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
झारखंड में इससे पहले भी कई सरकारी योजनाओं में फर्जीवाड़े के मामले सामने आ चुके हैं। हाल ही में पीएम किसान योजना और मंईया योजना में भी धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया था, जहां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी लाभ उठाने की कोशिश की गई थी।
क्या है ई-कल्याण पोर्टल?
झारखंड सरकार का ई-कल्याण पोर्टल राज्य के गरीब और पिछड़े वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति देने के लिए बनाया गया है। इस पोर्टल के माध्यम से योग्य छात्रों को सरकारी अनुदान मिलता है, जिससे वे अपनी शिक्षा पूरी कर सकें। लेकिन कुछ लोग फर्जी दस्तावेजों के सहारे इस योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं। अगर इन आरोपियों पर फर्जीवाड़ा साबित होता है, तो उनके खिलाफ धोखाधड़ी (IPC 420), जालसाजी (IPC 468, 471) और सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग (IT Act 66D) के तहत कड़ी कार्रवाई हो सकती है। ऐसे मामलों में 3 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि ई-कल्याण पोर्टल पर किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर कोई फर्जी तरीके से छात्रवृत्ति लेने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में सरकारी लाभ से वंचित भी किया जा सकता है। सिद्धनाथ बीएड कॉलेज, जपला में हुए इस फर्जीवाड़े ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। सरकार को चाहिए कि वह ई-कल्याण पोर्टल पर सुरक्षा को और मजबूत करे और इस तरह के मामलों पर सख्त निगरानी रखे, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके।
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