गणेश चतुर्थी इस वर्ष 7 सितंबर 2024 को मनाई जाएगी, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव का प्रतीक है। यह पर्व भारत में विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और आंध्र प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा विधि-विधान से की जाती है, जिसमें उनके भक्त उन्हें सुख-समृद्धि और बाधाओं को दूर करने वाला देवता मानते हैं। पूजा का शुभ मुहूर्त इस साल सुबह 11:03 बजे से दोपहर 1:34 बजे तक का है, जिसे मध्याह्न काल कहा जाता है, और इसी समय गणपति की स्थापना करना अति शुभ माना जाता है।

क्यों मनाते हैं गणेश चतुर्थी

गणेश चतुर्थी के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व की बात करें तो यह पर्व सदियों पुराना है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को हुआ था। पौराणिक कथाओं में यह उल्लेख मिलता है कि देवी पार्वती ने गणेश जी को अपने शरीर के उबटन से बनाया और उन्हें अपने द्वार की रक्षा करने के लिए नियुक्त किया। जब भगवान शिव ने गणेश जी को द्वार पर रोका हुआ देखा, तो क्रोध में आकर उनका सिर काट दिया। बाद में पार्वती के अनुरोध पर, गणेश जी का सिर एक हाथी के सिर से बदल दिया गया, और तभी से उन्हें गणेश कहा जाने लगा।

चंद्र दर्शन होगा घातक

पूजा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए इस दिन का विशेष महत्व होता है, और इसे पूरी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। शुभ रंगों की बात करें तो इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर हरे या पीले रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना गया है, क्योंकि ये रंग समृद्धि और उन्नति के प्रतीक हैं। साथ ही, पूजा के दौरान चंद्र दर्शन से बचने की सलाह दी गई है, विशेषकर 6 सितंबर को 03:01 PM से 08:16 PM तक और 7 सितंबर को 09:30 AM से 08:45 PM तक।

पूजा के दौरान भगवान गणेश को मोदक, नारियल, और दूर्वा अर्पित करना भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके अलावा, गणेश चतुर्थी के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। जैसे कि चंद्र दर्शन से बचना, जो विशेष रूप से 6 सितंबर की दोपहर से लेकर 7 सितंबर की शाम तक वर्जित माना गया है।

गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक आयोजन भी है। लोग अपने घरों और पंडालों में गणेश जी की स्थापना कर दस दिनों तक विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं। अंतिम दिन, अनंत चतुर्दशी पर, गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन जलाशयों में किया जाता है, जो एक उत्सवपूर्ण विदाई का प्रतीक है।

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By Sumedha