उत्तराखंड में केदारनाथ धाम मार्ग पर एक भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे यातायात और आवागमन में गंभीर बाधा उत्पन्न हुई है। इस बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति पर राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “राज्य में राहत और बचाव कार्य जारी हैं। सभी विभाग सतर्क मोड में हैं। मैंने भी राज्य के कई स्थानों का दौरा किया है, जहां मैं केदारनाथ दर्शन के लिए आए श्रद्धालुओं से मिला। लगभग 5,000 लोगों को अब तक बचाया जा चुका है और केदारनाथ धाम में फंसे 1,000 लोगों को भी जल्द ही बचा लिया जाएगा।”
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सर्वोत्तम संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। इसके साथ ही, एमआई हेलीकॉप्टर पहले ही भेजे जा चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्र सरकार के अन्य मंत्री हमारे संपर्क में हैं और मदद का पूरा भरोसा दिला रहे हैं।
इन घटनाओं के बाद, मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की जनता से धैर्य और संयम बनाए रखने की अपील की है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके साथ ही, प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए जा रहे हैं।
इसी बीच, भूस्खलन और बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। सभी संभावित स्थिति पर नज़र बनाए रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आपदा के बाद पुनर्वास और पुनर्निर्माण के कार्यों में समय लग सकता है, लेकिन सरकार की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई से नुकसान को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
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