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राज्यव्यापी बंदी करना राजनीतिक पार्टी का अधिकार नहीं : बॉम्बे हाईकोर्ट

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23 अगस्त, शुक्रवार को महाराष्ट्र बंद को लेकर बॉम्बे हाईकोर्ट अपना फैसला सुनाया है। महाराष्ट्र बंद के विपक्ष में बॉम्बे हाइकोर्ट ने याचिका दाखिल की गई थी। बताया जा रहा है कि राजनीतिक पार्टियों ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का आवाह्न किया था। कोर्ट ने इसकी सुनवाई में कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी को राज्यव्यापी बंदी करने का अधिकार नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप कर सकती है।


महाराष्ट्र के  बदलापुर में  2 लड़कियों के साथ हुए यौन शोषण के मामले में शिवशेना( यूबीटी), एनसीपी(एसपी) और कांग्रेस पार्टी ने महाराष्ट्र बंद करने की घोषणा की थी। पार्टियों ने यह सरकार का ध्यान इस मामले पर खींचने के लिए महाराष्ट बंद करने की घोषणा की थी। हालांकि, कोर्ट का फैसला आने के बाद शरद पवार ने भी इस बंदी को वापस लेने की अपील की है।

शरद पवार ने कोर्ट के फैसले का किया सम्मान

शरद पवार ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि हमने महाराष्ट्र बंद करने की घोषणा बदलापुर में हुए  उस घटना पर सरकार का ध्यान केंद्रित करने के लिए किया था। उन्होंने यह भी कहा कि बॉम्बे हाइकोर्ट के द्वारा इस बंद को असंवैधानिक बताया है। इसलिए कल होने वाले महाराष्ट्र बंद को वापस लेना चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने भी कोर्ट के फैसले के बाद इस बंदी को वापस लेने की अपील की है।

सीएम एकनाथ शिंदे ने बताया कोर्ट के फैसले को सही

हाइकोर्ट के आए इस फैसले पर महाराष्ट्र के सीएम ने भी अपनी राय रखी है। सीएम एकनाथ शिंदे ने इस फैसले को विपक्ष पर एक करारा तमाचा बताया है।

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