भारत के और विदेश मंत्री एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने तीन हफ़्तो में दूसरी बार मुलाकात की। दोनो विदेश मंत्रियों ने पूर्वी लद्दाख में विघटन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए “मजबूत मार्गदर्शन” की अवश्यकता पर सहमति जताई। दोनो ने द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने की बात पर सहमति जताई।
उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने पूर्ण विघटन हासिल करने का दोगुना प्रयास किया। दोनो ही पक्षों ने सीमा पर स्थिति को लंबा न खींचने की बात पर कही। दोनो ने कहा की सीमा पर स्थिती को लंबा खींचने किसी के भी हित में नही है। दोनो मंत्रियों की मुलाकात आसियान कार्यक्रम के दौरान हुई।
जयशंकर ने कहा कि दोनो पक्षों के संबंधों के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता तथा LOC के प्रति सम्मान आवसायक है। उन्होंने में कहा की दोनो देश के संबध सीमा की स्थिति पर निर्भर करती है।
बैठक के बाद जयशंकर ने बताया कि “सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मजबूत मार्गदर्शन की आवश्यकता पर सहमति बनी। एलएसी और पिछले समझौतों का पूरा सम्मान सुनिश्चित किया जाना चाहिए। हमारे संबंधों को स्थिर करना हमारे आपसी हित में है। हमें तत्काल मुद्दों पर उद्देश्य और तत्परता की भावना के साथ काम करना चाहिए।”
जयशंकर ने वांग से कहा कि भारत और चीन के आपसी हित के लिए हमे संबंधों को स्थिर करना होगा और विकास पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा “यह सुनिश्चित करने की हमारी क्षमता कि वे स्थिर और दूरदर्शी हों, एशिया और बहुध्रुवीय दुनिया दोनों की संभावनाओं के लिए आवश्यक है। भारत और चीन के रिश्तों का बहुत ही महत्व है।”
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