जम्मू-कश्मीर: डोडा में भारतीय सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में उत्तराखंड के एक बहादुर सैनिक, कैप्टन दीपक सिंह, शहीद हो गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उनकी शहादत पर गहरा दुख व्यक्त किया है।

जब देश एक तरफ आज़ादी का जश्न मना रहा है, वहीं कैप्टन दीपक सिंह ने अपने कर्तव्य का पालन करते हुए शहादत प्राप्त की। दीपक सिंह केवल 25 साल के थे और 13 जून 2020 को सेना में शामिल हुए थे। देश उनके इस बलिदान पर गर्व कर रहा है। कैप्टन दीपक सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को देहरादून लाया जाएगा, जहां उन्हें सम्मानपूर्वक श्रद्धांजलि दी जाएगी। दीपक सिंह के घर के पास उनके अंतिम दर्शन के लिए भीड़ इकट्ठा हो गई है।

कैप्टन दीपक सिंह का बलिदान उत्तराखंड के लिए एक गहरी और अपूरणीय हानि है। उन्होंने अपनी युवावस्था में ही देश के लिए अपना सब कुछ समर्पित कर दिया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कई अन्य नेता इस कठिन समय में कैप्टन दीपक सिंह के परिवार को सहानुभूति देने के लिए आ रहे हैं।

सीएम धामी ने कहा है कि कैप्टन दीपक सिंह की शहीदी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने देश के लिए खुदको पूरी तरह समर्पित कर दिया। उनका बलिदान हमेशा याद रहेगा और उत्तराखंड हमेशा उनके कर्जदार रहेगा। उनकी शहादत को देश कभी भी नहीं भुला सकेगा और उत्तराखंड हमेशा उनके कृतज्ञ रहेगा। इस कठिन समय में देश और उत्तराखंड दीपक सिंह के परिवार के साथ हैं।

कैप्टन दीपक सिंह की शहादत से उत्तराखंड के लोगों को गहरा दुख पहुंचा है। लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देहरादून में जुट रहे हैं। उनकी शहादत को हमेशा याद रखा जाएगा। उनकी शहादत को हमेशा संजीवनी माना जाएगा।

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