बीजेपी के 18 विधायकों को झारखंड विधानसभा से नीलंबित किया गया था। भाजपा अपने विधायकों पर हुए इस कार्यवाई से काफी नाखुश है। मानसून सत्र के आखिरी दिन बीजेपी ने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष को उनके पद से हटाने का नोटिस दे दिया। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा की प्रक्रिया तथा कार्य संचालन के नियम 158(1) के तहत पद से हटाने का नोटिस दिया।

नियम 158(1) झारखंड विधान सभा की कार्यप्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो यह सुनिश्चित करता है कि विधेयकों पर सदस्यों के बीच पूर्ण और पारदर्शी विचार-विमर्श हो सके। यह विधायी प्रक्रिया की दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में मदद करता है, जिससे सदन की कार्यवाही सुचारु और लोकतांत्रिक ढंग से संचालित हो सके।


भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि विधानसभा के अध्यक्ष अपने पद का सही इस्तेमाल करने में असमर्थ हैं। उन्होंने  केवल झारखंड सरकार के कहने पर 18 विधायकों को निलंबित कर दिया। भाजपा विधायकों ने झारखंड विधानसभा के प्रभारी सचिव को पत्र लिखकर कहा हैं कि उन्होंने स्पीकर से कहा कि सदन में  सोरेन को इस मामले में जवाब दे। विपक्ष के नेता इस मामले पर बिना मुख्यमंत्री का जवाब सुने नहीं जाएंगे, भले ही उन्हें  पूरी रात रुकना पड़ जाए।


भाजपा के विधायकों ने स्पीकर पर इल्जाम लगाया है कि वह निष्पक्ष नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कहने पर भाजपा के 18 विधायकों को निलंबित किया है। विधायकों का यह भी कहना है कि स्पीकर ने एक विधायक के निलंबन प्रस्ताव पर अपना फैसला सुनाया है। हालांकि यह प्रस्ताव केवल संसदीय कार्य मंत्री ही पेश कर सकते हैं। ऐसा प्रस्ताव पेश करने से पहले एक समिति की बैठक भी होती है, स्पीकर ने इन सभी नियमों का पालन नहीं किया।भाजपा ने स्पीकर पर 2024 के लोक सभा चुनाव में झामुमो का झंडा लगाकर दुमका में प्रचार करने का आरोप लगाया है।


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