झारखंड में औद्योगिक विकास को गति देने और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। हाल ही में कोलकाता में आयोजित बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट (BGBS 2025) में झारखंड सरकार की ओर से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उद्योगपतियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक के बाद राज्य को 28,306 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन निवेश प्रस्तावों से झारखंड में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 17,823 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने सोमवार को हाई पावर कमेटी की बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि झारखंड में औद्योगिक माहौल को और बेहतर बनाना जरूरी है, ताकि निवेशक बिना किसी बाधा के अपनी उत्पादन इकाइयां स्थापित कर सकें।
झारखंड में निवेश को बढ़ावा देने की अपनाई जा रही ये रणनीति
राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए कई रणनीतियां अपनाई हैं। सरकार का मुख्य फोकस निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने और उन्हें आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने पर है। इसके तहत निम्नलिखित कदम उठाए जा रहे हैं:
1. सिंगल विंडो सिस्टम को मजबूत बनाना – निवेशकों को स्वीकृति और अन्य प्रक्रियाओं में किसी तरह की देरी न हो, इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा रहा है।
2. बुनियादी ढांचे का विकास – उद्योगों को बिजली, पानी, सड़क और परिवहन जैसी सुविधाएं सुलभ कराने के लिए बड़े स्तर पर कार्य किए जा रहे हैं।
3. कर और सब्सिडी में रियायतें – राज्य सरकार निवेशकों को टैक्स में छूट, भूमि आवंटन में सहूलियत और अन्य वित्तीय सहायता देने पर भी काम कर रही है।
4. स्थानीय स्तर पर कौशल विकास – झारखंड में नए उद्योगों को कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने के लिए सरकार स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चला रही है, ताकि राज्य के युवा सीधे उद्योगों में रोजगार पा सकें।
उद्योगों के विस्तार से बदलेगा झारखंड का भविष्य
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने कहा कि झारखंड में निवेश बढ़ने से राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इससे न केवल सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय व्यापार और छोटे उद्यमों को भी बढ़ावा मिलेगा। उद्योगों के विस्तार से झारखंड में रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी और पलायन की समस्या पर भी अंकुश लगेगा। राज्य सरकार के अनुसार, झारखंड खनिज संपदा, कृषि और बुनियादी ढांचे के मामले में एक समृद्ध राज्य है। यहां खनन, मैन्युफैक्चरिंग, फूड प्रोसेसिंग, हैंडलूम, टेक्सटाइल और टूरिज्म के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। सरकार इन क्षेत्रों में भी निवेशकों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है।
निवेशकों को क्या मिलेगा फायदा?
झारखंड सरकार निवेशकों को रियायती दरों पर भूमि, बिजली-पानी की सुचारू आपूर्ति और टैक्स में छूट जैसी सुविधाएं दे रही है। परिवहन और लॉजिस्टिक्स को सुलभ बनाने के साथ ही उद्योगों को कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने पर भी जोर दिया जा रहा है। श्रम कानूनों में आवश्यक सहूलियतें देकर निवेशकों के लिए झारखंड को एक अनुकूल औद्योगिक हब बनाने की कोशिश की जा रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड सरकार उद्योगपतियों के साथ संवाद जारी रखेगी, ताकि उनकी जरूरतों को समझकर समाधान निकाला जा सके। उन्होंने उद्योग विभाग को निर्देश दिया कि निवेशकों की सभी समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाए और झारखंड में उद्योग लगाने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाया जाए।
झारखंड में 28,306 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों से राज्य में औद्योगिक क्रांति की उम्मीद बढ़ गई है। इन निवेशों से हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों और पारदर्शी व्यवस्थाओं से आने वाले वर्षों में झारखंड देश के प्रमुख औद्योगिक हब के रूप में उभर सकता है। अगर सरकार अपनी योजनाओं को सही ढंग से लागू करती है और निवेशकों को भरोसेमंद वातावरण उपलब्ध कराती है, तो झारखंड देश के अग्रणी औद्योगिक राज्यों में शुमार हो सकता है।
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