Jharkhand: रांची में चल रहे विरोध प्रदर्शन पर सहायक पुलिस ने अंकुश लगाने की बात की थी। उन्होंने झारखंड (Jharkhand) सरकार को ये आश्वासन दिया था कि वह अपने इस विरोध प्रदर्शन को एक दिन बाद वापस ले लेंगे। सहायक पुलिस कर्मियों का विरोध प्रदर्श 2 जुलाई से चल रहा है। उन्होंने अपना निर्णय बदलते हुए यह फैसला किया है कि जब तक सरकार सेवा संबंधी मामलों पर किए गए उनसे वादों को पूरा नही करेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

मथुरा महतो


मथुरा महतो ने कुछ विधायकों के साथ मिल कर 22 जुलाई को सहायक पुलिस कर्मियों से मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान उन्होंने सहायक पुलिस कर्मियों को यह आश्वासन दिया था की वह उनका वेतन 10000 प्रति माह से 13000 प्रति माह करने की बात झारखंड सरकार से करेंगे। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया था की वह होमगार्ड एवं वन गार्ड की भर्ती में 10 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान करने एवं मृत्यु होने पर आश्रितों के लिए मुआवजा  और  मेडिक्लेम बढ़ाने की बात सरकार को कहेंगे।

विवेकानंद गुप्ता, झारखंड सहायक पुलिस प्रदेश एसोसिएशन के सचिव है उन्होंने बताया की 22 जुलाई को हुए विधायकों से बात चीत के बाद उन्होंने एसोसिएशन के बाकी सदस्यों से इस बात पर चर्चा की। बहुत से सदस्यों का मानना था की जब तक सरकार द्वारा कैबिनेट में हमसे किए हुए वादों का प्रस्ताव पारित नही करती है, तब तक हम विरोध प्रदर्शन जारी रखना चाहिए।

विवेकानंद गुप्ता ने यह भी बताया कि इस सरकार ने 2020 और 2021 में भी सिर्फ आश्वासन दिया लेकिन हमसे किए हुए वादों को पूरे नही किया। दो बार वादा पूरा नही किए जाने पर हमारे सदस्यों का सरकार पर से भरोसा उठ चुका है। सरकार को वादों को पूरा करना चाहिए।

2017 में राज्य सरकार ने उग्रवाद प्रभावित 12 जिलों में 2500 सहायक पुलिस कर्मियों की न्युक्ति की थी।

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