झारखंड: छात्र संगठन शुक्रवार को पूरे राज्य के 24 जिलों में मुख्यमंत्री का पुतला जलाएंगे। छात्र संगठन इसके बाद शनिवार को मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करने की योजना बना रहे हैं।
झारखंड सीजीएल की तैयारी कर रहे परीक्षार्थियों का सब्र अब टूट चुका है। अब वे निर्णायक लड़ाई की तैयारी में हैं। विद्यार्थी संगठन शुक्रवार को सभी जिलों में मुख्यमंत्री का पुतला जलाएंगे, और शनिवार को मुख्यमंत्री आवास की घेराबंदी करेंगे। असल में, छात्र लंबे समय से सीजीएल परीक्षा की तिथि घोषित करने की मांग कर रहे हैं। कर्मचारी चयन आयोग ने हाल ही में 21 और 22 सितंबर को परीक्षा की तारीख तय की है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि परीक्षा वास्तव में उन तारीखों पर होगी या नहीं।
छात्रों का कहना क्या है
छात्रों का कहना है कि उन तारीखों पर पहले से ही उत्पाद सिपाही, झारखंड फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर और अन्य कई परीक्षाओं की तारीखें तय की जा चुकी हैं। ऐसे में आयोग उस परीक्षा को कैसे कर पाएगा, यह सवाल है। कई लोगों का कहना है कि सरकारी नौकरियों की तैयारी में जुटे कई परीक्षार्थी उत्पाद सिपाही, जेपीएससी और अन्य परीक्षाओं के लिए फॉर्म भर चुके हैं। ऐसे में वे छात्र सभी परीक्षाओं में कैसे शामिल हो पाएंगे?
पेपर लीक हो जाने के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी
यह ध्यान देने योग्य है कि झारखंड सीजीएल की परीक्षा पहले ही 28 जनवरी और 4 फरवरी 2024 को तय की गई थी। परीक्षा हो गई थी, लेकिन पेपर लीक हो जाने की वजह से उसे रद्द करना पड़ा। इसके बाद छात्र समूह द्वारा जेएसएससी कार्यालय के सामने जोरदार तरीके से हंगामा किया गया था। नाराज छात्रों ने आयोग के कार्यालय की खिड़कियां तोड़ दीं और तत्कालीन अध्यक्ष नीरज सिन्हा की गाड़ी पर भी तोड़फोड़ की। इस घटना में 4000 छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। जबकि 15 छात्रों को विशेष रूप से आरोपी ठहराया गया था। यह 2015 की वैकेंसी है, लेकिन परीक्षा की तारीख बार-बार बढ़ती रही, जिससे अब तक परीक्षा नहीं हो पाई। इस कारण छात्र नाराज हैं।
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