झारखंड में शराब के शौकीनों को अब अपनी जेबें और ढीली करनी पड़ेंगी, क्योंकि 1 मार्च से राज्य में शराब की बिक्री का पूरा गणित बदलने वाला है। सरकार की नई उत्पाद नीति के तहत अब खुदरा शराब की बिक्री का जिम्मा निजी व्यापारियों को सौंप दिया जाएगा। मतलब साफ है—अब सरकारी ठेके नहीं, बल्कि प्राइवेट व्यापारी शराब बेचेंगे, और सरकार बस ‘थोक’ का सौदा करेगी। तो चलिए, समझते हैं कि नई नीति में क्या-क्या बदलाव होने वाले हैं और कैसे आपकी जेब पर इसका असर पड़ेगा!
अब ठेका सरकारी नहीं, बल्कि प्राइवेट ठिकाना होगा!
अब तक झारखंड बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) शराब की थोक और खुदरा बिक्री दोनों देखती थी। लेकिन सरकारी ठेकों पर ओवरचार्जिंग और पैसे का सही हिसाब-किताब न होने जैसी शिकायतों के चलते सरकार ने खुदरा बिक्री से अपना हाथ खींच लिया है। अब सरकार बस थोक बिक्री पर नजर रखेगी और खुदरा दुकानों को निजी व्यापारियों के हवाले कर देगी।
यानी अब सरकारी ठेकों पर मिलने वाले “30ml एक्स्ट्रा” और “भाईजान, थोड़ा और डाल दो” जैसे ऑफर का ज़माना खत्म! नई नीति के तहत शराब की दुकानें प्राइवेट हाथों में चली जाएंगी, जहां हर बूंद का सही-सही दाम वसूला जाएगा।
अब इतने की मिलेगी एक बोतल
शराब के दीवानों को अब हर पैग के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे। सरकार ने नई नीति के तहत उत्पाद कर बढ़ा दिया है, जिससे हर कैटेगरी की शराब पर दाम बढ़ जाएंगे।
1 से 90 रुपये तक की शराब – अब 5 रुपये महंगी
91 से 950 रुपये तक की शराब – अब 10 रुपये महंगी
951 से 1,950 रुपये तक की शराब – अब 50 रुपये महंगी
1,951 रुपये से अधिक की शराब – अब सीधे 100 रुपये महंगी
मॉल में शॉपिंग और शराब—दोनों का मजा एक साथ!
अब झारखंड में मॉल में घूमने का मजा दोगुना होने वाला है, क्योंकि यहां अब सिर्फ कपड़े, जूते और गहने ही नहीं, बल्कि शराब भी मिलेगी! सरकार की नई उत्पाद नीति के तहत बड़े मॉल और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में शराब बिक्री की अनुमति दी गई है। अगर कोई ग्राहक शॉपिंग करते-करते अचानक सोच ले कि “चलो, आज पार्टी करते हैं,” तो उसे अब अलग से ठेके की तलाश नहीं करनी पड़ेगी। कम से कम 2000 वर्गफीट के डिपार्टमेंटल स्टोर्स में उनके 10% हिस्से में शराब बेचने का लाइसेंस दिया जाएगा, जबकि 50,000 वर्गफीट से बड़े मॉल में 200 वर्गफीट का एक खास एरिया सिर्फ शराब बिक्री के लिए तय किया जाएगा। यानी अब मॉल में न सिर्फ ब्रांडेड कपड़े मिलेंगे, बल्कि ब्रांडेड शराब भी उपलब्ध होगी!
साथ ही अगर आपको सिर्फ ब्रांडेड शराब पसंद है और आप देसी ठेकों पर जाने से कतराते हैं, तो खुश हो जाइए! झारखंड सरकार मॉडल शॉप्स खोलने जा रही है, जहां सिर्फ पॉपुलर ब्रांड्स की ही शराब मिलेगी। मतलब अब आपको “भैया, बढ़िया माल देना” कहने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि यहां पहले से ही सब कुछ ‘प्रीमियम’ मिलेगा।
सरकार का फायदा और आम जनता की चिंता!
सरकार के लिए यह नीति किसी ‘जैकपॉट’ से कम नहीं है, क्योंकि इससे राज्य के राजस्व में भारी बढ़ोतरी होगी। वहीं, निजी व्यापारियों के लिए भी यह एक सुनहरा मौका है, क्योंकि अब उन्हें सरकारी नियमों की ज्यादा झंझट नहीं झेलनी पड़ेगी। लेकिन आम जनता के लिए यह नीति जेब पर भारी पड़ने वाली है।
पहले लोग सरकारी ठेकों पर लाइन में लगकर सस्ती शराब लेने जाते थे, अब प्राइवेट दुकानों में एमआरपी पर ही मिलना तय है। ऊपर से नए टैक्स ने शराब को और महंगा कर दिया है। तो अब ‘हर शाम गुलजार होगी’ या ‘बजट की मार पड़ेगी’, ये तो वक्त ही बताएगा!
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