मध्य प्रदेश: सरकार ने दो राजस्व अभियानों के दौरान 80 लाख से ज्यादा मामलों का कुशलतापूर्वक समाधान किया है। अभियान 2.0 के तहत 49 लाख से अधिक मामलों का समाधान किया गया, जबकि अभियान 1 में 30 लाख से ज्यादा मामलों का निपटारा किया गया।
मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार ने राजस्व विभाग के तहत चलाए गए दो अभियानों के माध्यम से 80 लाख से अधिक मामलों का समाधान करने का गर्वपूर्ण दावा किया है। अब प्रश्न यह है कि क्या राजस्व के बंटवारे, नामांतरण और अन्य 80 लाख मामलों को अधिकारियों की कोताही के कारण लम्बित रखा गया था? इस बीच, सरकार ने राजस्व संबंधी एक नया अभियान शुरू करने की घोषणा की है
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जानकारी दी है कि राजस्व महाअभियान 2.0 18 जुलाई से 24 अगस्त 2024 तक सफलतापूर्वक संचालित किया गया था। हालांकि, इस अभियान के तहत 31 अगस्त तक 49 लाख 15 हजार 311 राजस्व मामलों का सफलतापूर्वक समाधान किया गया है।
मोहन यादव ने यह भी खुलासा किया कि 31 अगस्त तक नामांतरण से संबंधित 2 लाख 71 हजार 636 मामलों का समाधान किया गया है, जबकि बंटवारे से जुड़े 27,000 मामलों का प्रभावी ढंग से निपटारा किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत अभिलेख दुरुस्तीकरण के 26,784 मामलों का अत्यंत संतोषजनक ढंग से समाधान किया गया है, जबकि नक्शा सुधार के 45 लाख 81 हजार 918 मामलों का समाधान किया गया है।
राजस्व अभियान-एक के तहत हल किए गए मामले
मध्य प्रदेश सरकार ने राजस्व संबंधी एक अभियान आयोजित किया था, इसमें 88 लाख से अधिक व्यक्तियों की ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी होने का उल्लेख किया गया है। इसके अतिरिक्त, 30 लाख से अधिक नामांतरण और बंटवारे के मामलों का समाधान किए जाने का भी ज़िक्र किया गया है। इस तरह से, दोनों अभियानों के तहत 80 लाख राजस्व मामलों का समाधान किया गया।
भोपाल समेत 36 जिलों में पूर्ण समाधान
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के अनुसार, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल समेत 36 जिलों में राजस्व प्रकरणों का 7% समाधान हो चुका है। फिर भी, सरकार राजस्व अभियान 3.0 शुरू करने की तैयारी कर रही है ताकि शेष राजस्व प्रकरणों का भी पूरी तरह समाधान किया जा सके।
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