प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 16 से 21 नवंबर, 2024 तक नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की पांच दिवसीय यात्रा पर हैं। यह दौरा भारत की कूटनीतिक क्षमता को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति को और मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। प्रधानमन्त्री मोदी की यह यात्रा तीन महाद्वीपों—अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और कैरेबियन—के साथ भारत के संबंधों को गहरा करने का प्रतीक है।
पहला पड़ाव: नाइजीरिया (16-17 नवंबर)
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव नाइजीरिया है। यह दौरा विशेष रूप से ऐतिहासिक है क्योंकि यह 17 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा है। नाइजीरिया के राष्ट्रपति बोला अहमद टिनुबू के निमंत्रण पर हो रही इस यात्रा में दोनों देशों के बीच 2007 में स्थापित रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की जाएगी।
नाइजीरिया भारत के लिए ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है, और दोनों देश रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। भारत की लगभग 200 कंपनियों ने नाइजीरिया में $27 अरब का निवेश किया है, जो व्यापार और आर्थिक साझेदारी को मजबूत बनाता है। प्रधानमंत्री मोदी नाइजीरिया में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे, जो वहां के सामाजिक-आर्थिक ताने-बाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
ब्राजील: G20 शिखर सम्मेलन में भारत की आवाज़ (18-19 नवंबर)
प्रधानमंत्री का दूसरा पड़ाव ब्राजील है, जहां वह रियो डी जनेरियो में आयोजित G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा आयोजित यह सम्मेलन जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक स्थिरता, और लैंगिक समानता जैसे मुद्दों पर केंद्रित होगा।
भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के साथ मिलकर G20 ट्रोइका का हिस्सा है, और प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर भारत के दृष्टिकोण को प्रस्तुत करेंगे। भारत ने 2023 में नई दिल्ली G20 शिखर सम्मेलन के माध्यम से वैश्विक मुद्दों पर एक सक्रिय भूमिका निभाई थी। इस यात्रा में प्रधानमंत्री कई द्विपक्षीय वार्ताओं के जरिए अन्य देशों के साथ संबंध मजबूत करेंगे।
अंतिम पड़ाव: गुयाना (19-21 नवंबर)
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का अंतिम पड़ाव गुयाना है, जहां वे राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली के निमंत्रण पर जा रहे हैं। यह दौरा 1968 के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली गुयाना यात्रा है। प्रधानमंत्री गुयाना की संसद को संबोधित करेंगे, जो भारत और गुयाना के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री CARICOM-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे, जिसमें कैरेबियन देशों के नेताओं के साथ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर चर्चा होगी। शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी सहयोग और आपसी व्यापार बढ़ाने जैसे विषयों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। प्रधानमंत्री भारतीय प्रवासियों से भी मुलाकात करेंगे, जो गुयाना की संस्कृति और समाज का एक अहम हिस्सा हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। यह यात्रा तीनों देशों के साथ भारत की साझेदारी को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का अवसर प्रदान करेगी।
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