प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ASEAN शिखर सम्मेलन में भारतीय हस्तशिल्प और संस्कृति का एक अद्वितीय परिचय दिया, जब उन्होंने विभिन्न देशों के प्रमुखों को अनमोल और खास तोहफे भेंट किए। इन तोहफों की सबसे खास बात यह रही कि ये भारत की समृद्ध कला और परंपरा के प्रतीक थे, जिन्हें बड़े ही हुनरमंद कारीगरों ने तैयार किया। इन उपहारों में न सिर्फ भारतीय शिल्प की झलक थी, बल्कि ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान का सार भी बखूबी नजर आया।

बौद्ध दर्शन की चमक और तमिलनाडु की कारीगरी

मोदी जी ने लाओस के राष्ट्रपति थोंगलुन सिसौलिथ को एक शानदार प्राचीन पीतल की बुद्ध प्रतिमा भेंट की, जिस पर महीन मीना कारीगरी की गई थी। यह प्रतिमा तमिलनाडु के कारीगरों द्वारा बनाई गई है और बौद्ध दर्शन और दक्षिण भारतीय कला का अद्भुत मेल दिखाती है। इसके जरिए, मोदी जी ने भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को खूबसूरती से पेश किया।

पाटन पटोला और सादेली बॉक्स का जादू

लाओस की पहले पटरानी, नाली सिसौलिथ को प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात की विश्वप्रसिद्ध पाटन पटोला शॉल भेंट की, जो उत्तर गुजरात के पाटन क्षेत्र के सलवी परिवार द्वारा बुनी गई है। इस शॉल को ‘सादेली’ बॉक्स में पैक किया गया था, जो खुद एक ऐतिहासिक कला का नमूना है। सूरत, गुजरात से निकली इस सादेली कला की लकड़ी की नक्काशी अपने आप में आकर्षक और प्राचीन है, जो भारतीय हस्तशिल्प की बारीकियों को उजागर करती है।

काठ, कला और भारतीय भावना

प्रधानमंत्री मोदी ने लाओस के प्रधानमंत्री सोनेकसई सिपंदोन को कदामवुड की कलर एम्बॉस्ड बुद्ध सिर की प्रतिमा भेंट की, जो आध्यात्मिकता और भारतीय कला का बेहतरीन उदाहरण है। उनकी पत्नी वंदारा सिपंदोन को राधा-कृष्ण थीम पर आधारित मалахाइट और ऊंट की हड्डी से बनी खूबसूरत डिब्बी भेंट की, जो भारतीय मिथकों और प्रेम की गहराई को दर्शाती है।

थाईलैंड और जापान के लिए विशेष भेंट

थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैथोंगटर्न शिनवात्रा को मोदी जी ने लद्दाख का एक खूबसूरत, रंगीन नक्काशीदार लकड़ी का कम ऊंचाई वाला टेबल भेंट किया, जिसमें पोर नक्काशी का जादू देखने को मिला। वहीं, जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा को पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध नक्काशी कला से सजी हुई एक चांदी की मोर की मूर्ति दी गई, जो बारीक कारीगरी और भारतीय संस्कृति का प्रतीक है।

महाराष्ट्र की धरोहर और न्यूज़ीलैंड के लिए खास तोहफा

न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन को महाराष्ट्र की पारंपरिक झलर नक्काशी से सजे चांदी के दीपकों का जोड़ा उपहार स्वरूप दिया गया। इन दीपकों में कीमती पत्थरों की सजावट ने भारतीय शिल्पकला की उत्कृष्टता को और निखार दिया।

प्रधानमन्त्री द्वार भेंट दिए हुए तोहफ़े


आसियान शिखर सम्मेलन में मोदी जी के इन तोहफों ने एक बार फिर दिखा दिया कि कैसे भारत अपने ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। हर एक उपहार भारतीय संस्कृति और कला का प्रतीक था, जिसने न सिर्फ राजनयिक संबंधों को मजबूती दी, बल्कि भारत की हस्तशिल्पकला को भी नई ऊंचाइयां दी।

तोहफे देना कला है, और मोदी जी ने इस कला को भारतीय शिल्प और संस्कृति से संजोकर एक अनमोल पहचान दी है!


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By Sumedha